पूर्व भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज फारुख इंजीनियर का मानना है कि अगले मैच में भारतीय टीम मैनेजमेंट को 3 तेज गेंदबाजों के साथ उतरना चाहिए. साथ ही रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन में शामिल करना चाहिए. अश्विन को पहले दो टेस्ट मैचों में प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था और बहुत सारे क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि ऑफ स्पिनर का अंतिम एकादश में ना होना निराशाजनक है.
भारत शुरुआती दो टेस्ट मैचों में चार तेज गेंदबाजों और रवींद्र जडेजा के साथ उतरा है और तीसरे टेस्ट के लिए टीम के संयोजन पर ध्यान देना दिलचस्प होगा. दरअसल, खबर आई है कि तीसरे टेस्ट के लिए जडेजा की जगह अश्विन को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जा सकता है.
इस बीच, भारतीय तेज गेंदबाजों ने पहले दो टेस्ट मैचों में सभी 20 विकेट ले लिए हैं और जडेजा के खाते में एक भी विकेट नहीं आया है. वास्तव में, भारत के टेस्ट इतिहास में केवल तीन मौकों पर ऐसा हुआ है कि एक टेस्ट मैच में सभी 20 विकेट तेज गेंदबाजों ने लिए हैं.
जडेजा बल्ले से शानदार फॉर्म में हैं, लेकिन गेंद से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. दूसरी ओर, अश्विन विदेशी परिस्थितियों में अच्छी फॉर्म में हैं क्योंकि हाल ही में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भी उन्होंने विकेट हासिल किए थे.
इंजीनियर ने स्पोर्ट्स तक के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ”मुझे सुनने में आया था कि अश्विन लॉर्ड्स टेस्ट की प्लेइंग इलेवन का भी हिस्सा थे. लेकिन फिर क्लाउडी कंडीशन को देखते हुए भारत ने 4 पेसर के साथ उतरने का फैसला किया था.”
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन इस समय हम सोच रहे होंगे कि हमें अश्विन को खेलना चाहिए था. हेडिंग्ले में भारत को 3 तेज गेंदबाज और अश्विन के साथ उतरना चाहिए. इससे टीम के पास वैरायटी होगी. और फिर हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि अश्विन एक ऑलराउंडर हैं. वो न सिर्फ वर्ल्ड क्लास गेंदबाज हैं बल्कि अच्छे बल्लेबाज भी हैं. वो एक फाइटर हैं. ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने कमाल का शतक जड़ा था. टीम को ऐसे ही फाइटर खिलाड़ी की जरूरत है.”
”लीड्स में होने वाले तीसरे टेस्ट में अश्विन को किसकी जगह टीम में मिलनी चाहिए ये मैं नहीं जानता. लेकिन उन्हें मौका दिया जाना चाहिए. उनकी गेंदबाजी में जादू है. वो बल्लेबाजी में फाइटर हैं. मेरा वोट उन्हें खिलाने के लिए जाता है. उन्हें टीम में होना ही चाहिए.”