इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने लीड्स, हेडिंग्ले में चल रहे तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में भारत के बल्लेबाजी दृष्टिकोण पर सवाल उठाया है, जब मेहमान टीम 78 रनों के मामूली स्कोर पर ऑल आउट हो गई. विराट कोहली के टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और भारत ने एक के बाद एक विकेट गंवाए.
जेम्स एंडरसन भारत के शीर्ष क्रम को तोड़ने में सक्षम थे क्योंकि उन्होंने तीन विकेट झटके और केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली को 21-3 के स्कोर पर ही समेट दिया. भारतीय बल्लेबाजों के लिए शुरुआती तीन विकेट जल्दी गंवाने के बाद वापसी करना एक कठिन होता है और एक बार फिर वह वापसी नहीं कर सके.
पहले दो सत्रों के दौरान सीम गेंदबाजी के अनुकूल परिस्थितियां थीं और इंग्लैंड के तेज गेंदबाज इसका अधिकतम लाभ उठाने में सक्षम थे क्योंकि वे अपनी लाइन और लेंथ के साथ सही गेंदबाजी कर रहे थे. इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को चौथी-पांचवीं स्टंप लाइन के आसपास गेंदबाजी की और एक के बाद एक विकेट चटकाते रहे.
स्टुअर्ट ब्रॉड ने कहा, “निश्चित तौर पर जब एक टीम 100 रनों के अंदर ऑल आउट हो जाती है तो फिर आप बैटिंग पर सवाल उठाते हैं. भारत ने कई खराब शॉट खेले, गुच्छों में विकेट गंवाया और कंडीशंस को भी सही तरह से रीड नहीं कर पाए. वहीं दूसरी तरफ इंग्लैंड के गेंदबाजों ने काफी जबरदस्त दबाव बनाया और भारतीय बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका ही नहीं दिया. जब विकेट गिरने लगते हैं तो फिर स्कोरबोर्ड अपने आप ही रुक जाता है.”
दूसरी ओर, ब्रॉड ने कहा कि विराट कोहली की ओर से मुश्किल परिस्थितियों में बल्लेबाजी करने का साहस नहीं दिखा सके. इस अनुभवी तेज गेंदबाज को लगता है कि जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा पिच बल्लेबाजी के लिए बेहतर होती जाएगी.
“भारत की ओर से पहले बल्लेबाजी करने का साहसपूर्ण निर्णय था. आईएमओ पिच पर पहला दिन गेंदबाजी के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. पिच बेहतर और बेहतर होगी. 3 दिन के बाद से तेज गेंदबाजों के लिए इसमें ज्यादा कुछ नहीं होगा.”
रोरी बर्न्स और हसीब हमीद के अर्धशतकों की मदद से मेजबान टीम ने 42 रनों की बढ़त हासिल कर ली है, जिससे इंग्लैंड ने खुद को एक कमांडिंग स्थिति में पहुंचा दिया है. लेफ्ट एंड राइट कॉम्बिनेशन ने पहले दिन स्टंप से पहले 120 रनों की नाबाद साझेदारी की.