इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा है कि विराट कोहली निश्चित नहीं हैं कि वह गेंद को खेलना चाहते हैं या छोड़ना चाहते हैं, जिससे इंग्लैंड के खिलाफ उनका पतन हो रहा है. कोहली को मौजूदा सीरीज में आउट ऑफ स्टंप गेंद के साथ हस्तक्षेप करने की कोशिश करते हुए आउट किया गया है, जिसे वह आसानी से छोड़ सकते थे.
वास्तव में, यह देखा गया है कि कोहली अपने दृष्टिकोण में थोड़े अधीर रहे हैं और उन्होंने अपनी पारी के शुरुआती चरण में और अधिक आक्रामक होने की कोशिश की है. हालांकि, 2018 के दौरे में ऐसा नहीं था जब कोहली ने पांच टेस्ट मैचों में 593 रन बनाए थे और अपने खेल के शीर्ष पर बल्लेबाजी की थी.
कोहली को अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए 51 पारियां हो चुकी हैं और भारतीय कप्तान पर दबाव बढ़ रहा है क्योंकि पिछले दो वर्षों में उनका औसत 20 के आसपास रहा है. ऐसे में अगर भारत को सीरीज में वापसी करनी है तो कोहली को फॉर्म में वापस आना होगा.
सोमवार को डेली मेल के अपने कॉलम में नासिर हुसैन ने लिखा, “भारत के पास कैरेक्टर और फाइट की बहुत ताकत है और उसके केंद्र में उनका कप्तान है, भले ही कोहली 2014 वाले इंग्लैंड दौरे की तरह दिख रहे हैं, ना कि 2018 वाले इंग्लैंड दौरे की तरह.”
हुसैन ने कहा कि कोहली उन गेंदों पर आउट हुए हैं जिन्हें वह छोड़ सकते थे. कोहली जब भी चौथी-पांचवीं स्टंप लाइन से इंग्लैंड के गेंदबाजों ने उन पर निशाना साधा है तो उन्हें आउट कर दिया गया है. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने कोहली को लगातार परेशान करने के लिए मेजबान टीम के गेंदबाजों की तारीफ की.
“कोहली ने उन गेंदों को खेला है जिन्हें वो छोड़ सकता था; मुझे लगता है कि उनके पिछले पैर की स्थिति के साथ वही तकनीकी समस्या है जिसका जिक्र मैंने किया था और इसी वजह से वो एंडरसन और रॉबिन्सन की लाइन नहीं खेल रहे हैं.”
“कोहली इस बात को लेकर निश्चित नहीं है कि उन्हें गेंद खेलनी है या छोड़नी है, खुद को इनस्विंगर के लिए सेट करना है या नहीं. वो नहीं जानता कि क्या करना है. ये उच्च श्रेणी की गेंदबाजी है और ये उसके लिए आसान नहीं होने वाला है.”
कोहली को अपने नजरिए में अधिक धैर्य रखने की आवश्यकता होगी और उन्हें इंग्लैंड के गेंदबाजों को अपनी ताकत के अनुसार गेंदबाजी करने के लिए मजबूर करना होगा. अच्छी लेंथ एरिया और पांचवीं स्टंप लाइन इस सीरीज में अब तक कोहली की तकलीफ बढ़ाती दिखी है.