भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा है कि यह उनके लिए मायने नहीं रखता कि वह कहां खेल रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी टैक्निक पर पूरा भरोसा है और किसी भी स्थिति में टीम के लिए प्रदर्शन करने के लिए वह खुद को बैक करते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के शुरुआती दिन शमी बेहतरीन गेंदबाजी करते दिखे.
शमी ने अपना पहला विकेट डोम सिबली के जरिए लिया, जिसे केएल राहुल ने कैच लेते हुए बल्लेबाज को पवेलियन का रास्ता दिखाया. इसके बाद शमी को टी के बाद जॉनी बेयरस्टो का बड़ा विकेट मिला. बेयरस्टो क्रीज पर सेट हो चुके थे क्योंकि उन्होंने 29 रन बनाए थे और रूट के साथ अर्धशतकीय साझेदारी कर चुके थे.
इसके बाद, शमी ने तीसरी सफलता तब हासिल की, जब उन्होंने डैन लॉरेन्स को गेंद में फंसाया और विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कैच लपक लिया. कुल मिलाकर शमी पहली पारी में बेहतरीन बल्लेबाजी करने में सक्षम रहे, क्योंकि उन्होंने कई बार बल्लेबाजों को बीट किया.
वास्तव में, शमी का इंग्लैंड की परिस्थितियों में आश्चर्यजनक रूप से 44 का औसत है लेकिन उन्होंने प्रदर्शन से प्रभावित किया है. शमी ने 3-28 के आंकड़े के साथ वापसी की और मेजबान टीम को 183 रनों के छोटे स्कोर पर समेटने में अहम भूमिका निभाई.
शमी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया चाहे कोई भी देश हो मैं अपनी स्किल पर विश्वास करता हूं और अपने आपको पूरी तरह से सपोर्ट करता हूं. यहां तक कि जब मैं नेट्स में भी गेंदबाजी करता हूं तो कंडीशंस के हिसाब से एक प्लानिंग के तहत बॉलिंग करता हूं. इंग्लैंड के बल्लेबाजों को अंदर आती गेंदों के खिलाफ दिक्कत होती है और हम लोग उस पर ही फोकस कर रहे थे.”
शमी ने कहा कि इंग्लैंड के बल्लेबाज अंदर आने वाली गेंद के खिलाफ खेलने में सहज नहीं थे और उन्होंने उसी के अनुसार योजना बनाई.
“ऐसा कुछ नहीं है. जब आप खेल की तैयारी करते हैं, तो आप बल्लेबाज के रुख, उनके पैरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं. जैसे कि वह कितना पैर आगे निकाल रहे हैं, वह बैंड हो रहे हैं और ऐसी ही कई अन्य चीजें हैं. यह एक ऐसी टैक्निक है जिसका हमने अभ्यास किया है. आप शुरुआती दिनों से सीखते हैं जब आप खेलते हैं और एक बार जब आप वीडियो देखते हैं, तो आप जानते हैं कि आप किस रणनीति का उपयोग कर सकते हैं. इंग्लैंड के बल्लेबाजों की आने वाली डिलिवरी की कमजोरी है और हम बस उस पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे.”
मोहम्मद शमी ने कहा, “गेंद थोड़ा रूक कर आ रही थी इसलिए मैं बस उस लाइन पर टिके रहने की कोशिश कर रहा था. गेंद थोड़ी सी सतह पर टिकी हुई थी और इसने सिबली को आउट करने में एक अहम भूमिका निभाई.”