भारत के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर का मानना है कि जहां तक बल्लेबाजी का सवाल है तो उनका दिन काफी सामान्य रहा. भारत तीसरे दिन के खेल के अंत में 125-3 के स्कोर के साथ एक कमांडिंग स्थिति में था और उसके पास 257 रनों की बड़ी बढ़त थी.
हालांकि, वे चौथे दिन इसे बड़े स्कोर में बदलने में असफल रहे और 245 रन पर ही ऑल आउट हो गए और इंग्लैंड को 378 रनों का लक्ष्य दिया. भारत ने शुरुआती सत्र में चार विकेट गंवाए और इंग्लैंड के गेंदबाजों ने लंच के बाद के सत्र में पुछल्ले बल्लेबाजों को जल्दी आउट कर दिया.
चेतेश्वर पुजारा ने 66 रन बनाए जबकि ऋषभ पंत ने 57 रन जोड़े लेकिन इन दोनों के अलावा कोई भी बल्लेबाज रन नहीं बना सका. श्रेयस अय्यर को शॉर्ट डिलीवरी के साथ परखा गया और खराब शॉट खेलने के बाद उन्हें आउट कर दिया गया.
रवींद्र जडेजा ने 22 रनों की धैर्यपूर्ण पारी खेली लेकिन अंत में वह साझेदारों से बाहर हो गए. इसके अलावा, शार्दुल ठाकुर दूसरी पारी में एक बार फिर बल्ले से योगदान देने में नाकाम रहे.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत को 450 रनों की बढ़त मिल सकती थी अगर उन्होंने अधिक समझदारी से बल्लेबाजी की होती लेकिन वे अंतिम दिन केवल 120 रन ही जोड़ पाए.
राठौर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “मैं सहमत हूं कि जहां तक बल्लेबाजी का सवाल है तो हमारे लिए यह साधारण दिन रहा. हम आगे थे, हम ऐसी स्थिति में थे कि अपनी बल्लेबाजी से उन्हें मुकाबले से बाहर कर सकते थे. दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि कई बल्लेबाजों ने शुरुआत की लेकिन इसे बड़ी पारी में नहीं बदल पाए. हमें उम्मीद थी कि उनमें से एक बड़ी पारी खेलेगा और बड़ी साझेदारी होगी लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ.”
दूसरी ओर, इंग्लैंड दबदबे की स्थिति में है क्योंकि उसे जीत के लिए 119 रन और चाहिए और उसके पास सात विकेट हैं. ज़ैक क्रॉली और एलेक्स लीज़ ने टीम को एक अच्छी शुरुआत देने के लिए 107 रन की पार्टनरशिप की, जबकि जो रूट और जॉनी बेयरस्टो ने अपना शानदार फॉर्म जारी रखा. दिन का खेल खत्म होने तक रूट 76 और बेयरस्टो 72 रन बनाकर नाबाद थे और मेजबान टीम ऐतिहासिक जीत की कगार पर है.
अगर इंग्लैंड 119 रन और बना लेता है, तो यह टेस्ट क्रिकेट में उसका सर्वोच्च लक्ष्य होगा.