पूर्व भारतीय कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की जमकर तारीफ की है. पंत ने रविवार को चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ जारी पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में महज 88 गेंदों पर 91 रनों की तूफानी पारी खेली.
ऋषभ पंत की ये पारी उस समय देखने को मिली, जब भारतीय टीम मैदान पर संघर्ष करती नजर आ रही थी. भारत ने कप्तान विराट कोहली (11) और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे (1) की विकेट जल्दी खो दी थी, लेकिन ऐसे में पंत ने ना सिर्फ टीम की पारी को संभाला बल्कि एक अपने शॉट्स से फैंस का खासा मनोरंजन भी किया. पंत ने अपने ही चिर परिचित अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के गेंदबाजों के खिलाफ मैदान के हर एक कोने में रन बनाए.
बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपनी 91 रनों की पारी के दौरान 9 चौके और पांच गगनचुम्बी छक्के भी लगाए. खास बात ये रही कि पंत ने इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ कदमों का सही इस्तेमाल किया और आगे बढ़कर शॉट लगाए. हालांकि एक समय ऐसा लग रहा था कि पंत अपना तीसरा टेस्ट शतक लगाने में कामयाब रहेंगे, लेकिन डॉम बेस की गेंद पर एक बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में उन्होंने अपनी विकेट गंवाई.
अपने खेले पिछले तीन टेस्ट मैचों में ये दूसरा मौका रहा, जब ऋषभ पंत नर्वस 90’s में आउट हुए हो.ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में भी पंत 98 के स्कोर पर आउट हो गए थे. इस बात में कोई शक नहीं है कि, ऋषभ पंत को अभी भी अपने स्ट्रोकप्ले में अधिक परिपक्वता लाने की आवश्यकता है. सुनील गावस्कर ने पंत को अपने खेल में निरंतरता लाने के लिए बेपरवाह और लापरवाह के बीच का फर्क समझने की सलाह दी.
स्टार स्पोर्ट्स के शो पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ”पंत हमेशा एक शानदार खिलाड़ी रहे हैं. वह इस मायने में परेशान हो सकते हैं कि हम सभी उन्हें खेलते रहना चाहते हैं और उन्हें बल्लेबाजी करते देखना चाहते हैं क्योंकि वह जिस तरह से खेलते हैं, उससे बहुत आनंद मिलता है. ऋषभ पंत के साथ ऐसा है कि बेपरवाही और लापरवाही के बीच एक महीन धागे का फर्क है. एक बार उन्हें बेपरवाही और लापरवाही के बीच का ये अंतर समझ आ गया, तो वह और भी ज्यादा निरंतरता हासिल कर सकेंगे.”
साथ ही पंत ने जिस प्रकार से जैक लीच के किलाफ आक्रामक बल्लेबाजी की इसके लिए गावस्कर ने उन्हें श्रेय भी दिया. भारत के दो विकेट जल्दी खो दिए थे, लेकिन पंत ने बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिनर को जमने नहीं दिया और आत्मविश्वास हासिल किया.
सुनील गावस्कर ने कहा, ”उनका जैक लीच के खिलाफ खेलने शानदार था, उस समय वह बस ठहरना नहीं चाहते थे. वह ये जानते थे कि दाएं हाथ के लिए लीच कितने खतरनाक हो सकते हैं. अपने अपने आत्मविश्वास के दम परा लीच की गेंद को मैदान से बाहर फेंक रहे थे.”
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी ऋषभ पंत काफी दमदार फॉर्म में नजर आए थे और तीन टेस्ट मैचों में उनके बल्ले से 274 रन देखने को मिले थे. सिडनी में जहां उन्होंने 98 रन बनाकर भारत के लिए मैच बचाया था, तो ब्रिस्बेन में 328 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए उनके बल्ले से नाबाद 89 रन देखने को मिले थे.
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