भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का ऐसा कहना है कि अगर कुलदीप यादव इंग्लैंड के खिलाफ जारी पहले चेन्नई टेस्ट का हिस्सा होते तो भी टीम पर इसका कुछ खास फर्क देखने को नहीं मिलता. क्रिकेट के कई जानकारों का ऐसा मानना था कि ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा के बाहर होने के बाद भी कुलदीप यादव को अंतिम ग्यारह का हिस्सा ना बनाना टीम इंडिया के लिए बिल्कुल सही नहीं रहा.
इतना ही नहीं, पहले मुकाबले में अक्षर पटेल के बाहर होने जाने के बाद भी कुलदीप को खेलने का अवसर नहीं मिला और उनके स्थान पर बैक-अप स्पिनर के रूप में टीम में शामिल किए गए शाहबाज नदीम को मैच में खेलता देखा गया. नदीम का ये दूसरा ही टेस्ट मैच रहा, लेकिन कुलदीप यादव के अंतिम एकादश में ना खेलने से कई सारे क्रिकेट जानकार और फैंस खासे निराश नजर आए.
चेन्नई टेस्ट की पहली ही पारी में इंग्लैंड की टीम के बल्लेबाजों ने टीम इंडिया को खासा परेशानी में डाला. कप्तान जो रूट ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 19 चौके और दो छक्कों की मदद से यादगार 218 रन बना डाले. रूट ने भारतीय स्पिन गेंदबाजों का बखूबी सामना किया और पहले दो दिन पिच से भी गेंदबाजों को ज्यादा सहायता नहीं मिली.
आप सभी की जानकारी के किये बता दे कि, पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया रविचंद्रन अश्विन, वाशिंगटन सुंदर और शाहबाज नदीम के साथ खेल रही है. अश्विन ने पहली पारी में तीन विकेट झटके, जबकि नदीम ने दो विकेट लिए. वहीं सुंदर के खाते में एक भी सफलता नहीं आई.
वहीं इंग्लैंड की बात की जाए तो उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए एक गेंदबाज के खिलाफ बड़े रन बनाए. डॉम सिबनी और जो रूट के बीच दूसरे विकेट के लिए 200 रनों की साझेदारी देखने को मिली. सुनील गावस्कर का ऐसा कहना है कि अगर कुलदीप इस मैच का हिस्सा होते तो भी इंग्लैंड की बल्लेबाजी पर इसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिलता.
आज तक से खास बातचीत के दौरान गावस्कर ने कहा, “यह कहना बहुत मुश्किल है कि पिच कल और आज बल्लेबाजी के लिए बहुत अच्छी थी. मुझे नहीं लगता कि सिबली और रूट ने जिस प्रकार में बल्लेबाजी की उसे देखते हुए कुलदीप यादव के होने से कुछ खास फर्क पड़ता. गेंद और इसे स्पिन या उछाल नहीं दे रही है. इसलिए, शायद कुलदीप यादव भी विकेट नहीं ले पाते.”
हालांकि लिटिल मास्टर ने आगे ये भी कहा कि, अगर कुलदीप को टीम की अंतिम ग्यारह में मौका मिलता है तो इससे भारतीय गेंदबाजी आक्रमण में विविधता शामिल होगी. पहले टेस्ट में खेल रहे तीनों स्पिन गेंदबाज उंगली से गेंद को स्पिन कराते हैं, जबकि कुलदीप कलाई के स्पिनर है और वह अपनी विविधताओं के साथ एक अंतर बना सकते हैं.
सुनील गावस्कर ने अपने बयान में कहा, “लेकिन अगर कुलदीप यादव टीम में होते, तो आपके पास एक अलग किस्म होती. आपके पास दो फिंगर स्पिनर- अश्विन और नदीम, दाएं हाथ और बाएं हाथ में एक होता. अगर आपके पास एक लेग स्पिनर होता. दाएं हाथ या बाएं हाथ में, यह विविधता दी होगी.’’
बता दे कि, इंग्लैंड ने पहली पारी के दौरान 578 रन बनाए थे और चेन्नई टेस्ट के पहले दो दिन के खेल के दौरान टीम इंडिया का हर एक गेंदबाज विकेट लेने के लिए काफी संघर्ष करते नजर आया था.