इंग्लैंड के साथ खेले पहले एकदिवसीय मैच में भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की. उन्होंने 106 गेंदों पर 98 रन की पारी खेलकर भारत को एक बड़े स्कोर तक पहुंचाने के लिए मंच तैयार किया. धवन की इस बड़ी पारी की मदद से भारतीय टीम 317 रन का स्कोर खड़ा कर सकी.
धवन ने रोहित शर्मा के साथ पारी की शुरुआत की और पहले अपना समय लिया और फिर अपनी बल्लेबाजी को दूसरे गियर में डाला. उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा किया और शतक की ओर बढ़े. हालांकि धवन अपने शतक से सिर्फ 2 रनों से चूक गए. लेकिन उनकी ये पारी उनके साथ-साथ टीम के लिए भी बहुत खास रही, जिसने भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. शिखर ने अपनी पारी के दौरान 2 छक्के व 11 चौके जड़े.
इस शानदार पारी के लिए भारतीय टीम के गब्बर को प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. इस अवॉर्ड को जीतने के बाद धवन ने इस बात को स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हमेशा ही दबाव होता है, लेकिन उन्हें इस दबाव को संभालना आता है.
शिखर धवन ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दबाव हमेशा बना रहता है और एक अनुभवी खिलाड़ी होने के नाते मुझे पता है कि दबाव को कैसे संभालना है. और दूसरी बात, जैसा कि मैंने कहा, मैं एक अनुभवी खिलाड़ी हूं, इसलिए मुझे पता है कि मुझे क्या करना है. मुझे किस विकेट पर कैसा शॉट खेलना है और एक बैटिंग यूनिट के रूप में हमें विकेट को अच्छी तरह पढ़ना है. ये वो है जो हमने किया और जिसने हमारे लिए अच्छा काम किया.”
इंग्लैंड के साथ खेली टी20 सीरीज में धवन को पहले मैच के बाद प्लेइंग इलेवन से ड्रॉप कर दिया गया था, लेकिन वह सकारात्मक रहे और वनडे सीरीज में मौका मिलते ही उन्होंने अपनी काबिलियत दिखा दी.
“मैं अपनी प्रोसेस, फिटनेस, टैक्निक, काम, जिम-वर्क पर ध्यान केंद्रित कर रहा था और मैं हमेशा एक सकारात्मक मानसिकता के साथ रहता हूं. मैं हमेशा कोशिश करता हूं और हर स्थिति से सकारात्मक चीजों को देखता हूं. यही मैं कर रहा था. मुझे अपने बल्लेबाजी पर भरोसा था. मुझे पता था कि अगर मुझे मौका मिलता है, तो मैं इस मौके को भुना लूंगा.
दूसरी ओर, भारत ने एक शानदार शुरुआत की, क्योंकि रोहित शर्मा और शिखर धवन ने पहले 15 ओवरों में 64 रन जोड़े. गेंद स्विंग कर रही थी और धवन ने सीम किया और धवन ने कहा कि पारी की शुरुआत में मेहनत करने का कोई मतलब नहीं था.
धवन ने आगे कहा, “यह सीमिंग और स्विंगिंग था, इससे कोई मतलब नहीं होता अगर आप शुरुआत में हार्ड बल्लेबाजी करते और दो-तीन विकेट गंवाते, तो हमारी योजना सिर्फ विकेट पर टिके रहना और अच्छी डिलीवरी का सम्मान करना था और हम जानते थे कि, हम हमेशा उन रनों को बना सकते हैं.”
दूसरा वनडे 26 मार्च को शुक्रवार को पुणे में ही खेला जाएगा.