इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन का मानना है कि जो रूट की अगुवाई वाली टीम को अगर बाकी बचे दो टेस्ट मैचों में अनुकूल परिणाम हासिल करना है तो उसे भारतीय पिचों की स्थिति का रोना रोने के बजाय अपने स्पिन विभाग के निरंतरता के अभाव को दूर करने पर ध्यान देना चाहिए.
मेजबान इंग्लैंड की टीम के पास तीन स्पिनर डोम बेस, जैक लीच और मोईन अली हैं. जब दूसरे टेस्ट मैच में चेपाक स्टेडियम में पिच से काफी मदद थी, तब इन स्पिनरों के सामने भारतीय बल्लेबाजों ने खूब रन बटोरे, जिसका मतलब है कि स्पिनर्स ने सही जगह पर गेंद को हिट नहीं किया.
युवा स्पिनर डोम बेस ने पहले टेस्ट मैच में 5 विकेट लिए थे और उनके सामने भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल होते देखा गया. लेकिन रोटेशन पॉलिसी के तहत इंग्लैंड ने दूसरे टेस्ट में बेस को आराम देकर मोईन अली को अंतिम ग्यारह में शामिल कर लिया.
हुसैन ने स्काई स्पोर्ट्स के लिए अपने कॉलम में लिखा.”नासिर हुसैन ने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ में अपने कॉलम में लिखा, ”इंग्लैंड को पिच, टॉस, डीआरएस, अंपायर या इस तरह की किसी भी चीज का रोना रोने के बजाय उन विभागों में सुधार करना चाहिए जिनमें वह कमतर नजर आया. मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे.”
उन्होंने कहा, ”भले ही उन्हें विकेट मिलते रहेस लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा स्पिन विभाग में निरंतरता का अभाव रहा. यह केवल इस टेस्ट मैच की बात नहीं है. अगर आप श्रीलंका दौरे पर ध्यान दो तो जैक लीच और डॉम बेस ने विकेट लिए लेकिन विशेषकर बेस की लेंथ में निरंतरता का अभाव रहा.”
दूसरे टेस्ट मैच में मोइन अली ने आठ विकेट हासिल किए लेकिन वह अपनी गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बना सके. अनुभवी ऑफ स्पिनर ने अपने 29 ओवरों में 4-128 के आंकड़े के साथ वापसी की और इस तरह 4.40 के इकॉनोमी रेट से अपने रन दिए.
दूसरी ओर, भारतीय स्पिनरों ने उसी पिच पर कमाल की गेंदबाजी की. भारत की तरफ से अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव की स्पिन का जवाब देना मेहमान टीम के लिए मुश्किल रहा. पहली पारी में अश्विन ने फाइव विकेट हॉल लिया और दूसरी पारी में अक्षर पटेल ने अपने डेब्यू मैच में करियर का पहला फाइव विकेट हॉल लिया.
”अली ने आठ विकेट (दूसरे टेस्ट में) लिए और उसने कुछ बेहतरीन गेंद की जैसे कि वह गेंद जिस पर उसने पहली पारी में विराट कोहली का विकेट लिया और उन्हें मैच में दो बार आउट किया, लेकिन मोईन ने स्वयं स्वीकार किया कि पहली पारी में उनका अपनी गेंदों पर पर्याप्त नियंत्रण था तथा आप स्पिनरों के लिए मददगार पिच पर 128 पर चार विकेट का प्रदर्शन नहीं चाहते थे.”
हुसैन ने कहा, ”अगर आप तुलना करो तो भारत के दो स्पिनरों ने कैसे गेंदबाजी तो उन्होंने कुछ जादुई नहीं किया बल्कि उनका अपनी गेंदों पर नियंत्रण रहा. अगर आप मुझसे इंग्लैंड की हार का मुख्य कारण पूछोगे तो मैं कहूंगा कि देखिये भारत के दो स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल ने कैसी गेंदबाजी की. इंग्लैंड के स्पिनरों की तुलना में उन्होंने अधिक निरंतरता दिखाई.”
भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच 24 फरवरी से अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम में शुरु होगा.
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