इंग्लैंड ने भारत के पहले मुकाबले में चारों खाने चित कर दिए और 227 रनों से मात देकर सीरीज पर 1-0 की बढ़त हासिल कर ली. इस करारी हार के बाद कप्तान विराट कोहली ने इस बात को स्वीकार किया कि टीम की बॉडी लैंग्वेज सही नहीं थी और शुरुआत के दो दिनों में गेंदबाजों के लिए मदद नहीं थी.
जो रूट के नेतृत्व वाली टीम ने भारत को एक भी दिन मजबूत स्थिति में नहीं जाने दिया और पूरे मैच में भारत पर दबाव बना रहा. पहली ही पारी में इंग्लैंड ने भारतीय गेंदबाजों की धुलाई करते हुए 578 रन बना दिए थे. जो रूट ने 218 रनों की कप्तानी पारी खेली.
एक ओर इंग्लैंड के बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों की धुलाई कर रहे थे, तो दूसरी ओर इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भी भारतीय बल्लेबाजों को सेट होने का मौका नहीं दिया. भारत दौरे पर पहली बार आए डोम बेस ने पहली पारी में ही चार विकेट चटका लिए और दूसरी पारी में भले ही वह 1 विकेट निकाल सके लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने उनके सामने ज्यादातर गेंदों को जाने दिया.
इंग्लैंड के दूसरे स्पिनर जैक लीच ने दूसरी पारी में बेहतरीन गेंदबाजी की. जिसमें उन्होंने 76 रन देकर 4 विकेट चटकाए. उन्होंने रोहित शर्मा से विकेट की शुरुआत की, फिर चेतेश्वर पुजारा, रविचंद्रन अश्विन और नदीम को भी आउट किया. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन की रिवर्स स्विंग ने भारतीय टीम की बोलती ही बंद करा दी थी.
मैच खत्म होने के बाद कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया कि टीम में आक्रामकता की कमी थी. साथ ही उन्होंने पहले मैच में की गई गलतियों को सुधारने की बात कही. विराट कोहली ने पहली पारी में 11 व दूसरी पारी में 72 रन बनाए.
विराट कोहली ने मैच के बाद कहा, “हमारी शारीरिक भाषा सही नहीं थी और हमारे अंदर आक्रामकता भी अभाव था. दूसरी पारी में हम काफी बेहतर थे. शुरुआती चार बल्लेबाजों को छोड़कर हम पहली पारी के दूसरे भाग में बेहतर थे. बल्ले के साथ हम पहली पारी में बेहतर थे. हमें चीजों को समझना होगा और जल्द से जल्द इसमें सुधार करना होगा. इंग्लैंड की टीम पूरे मैच के दौरान हमसे कहीं ज्यादा पेशेवर थी.”
कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड को जीत का श्रेय दिया और माना कि टीम को इंग्लैंड पर दबाव बनाने की जरुरत थी. विकेट के धीमा हो जाने के कारण बल्लेबाजों को स्ट्राइक रोटेट करने में समस्या नहीं हो रही थी.
कोहली ने आगे कहा, “मुझे नहीं लगता कि हमने पहले हाफ में गेंद पर उन पर पर्याप्त दबाव डाला. एक गेंदबाजी इकाई के तौर पर तेज गेंदबाजों के अलावा रविचंद्रन अश्विन ने पहली पारी में शानदार गेंदबाजी की लेकिन हमें रन रोक कर दबाव बनाने की जरूरत थी. यह धीमा विकेट था और गेंदबाजों को मदद नहीं मिल रही थी, जिससे बल्लेबाजों के लिए छोर बदलना आसान हो गया था. बस ऐसा लग रहा था कि पहले दो दिनों में इसमें बहुत कुछ नहीं हो रहा था. लेकिन इंग्लैंड को श्रेय, वे फंस गए और बोर्ड पर एक बड़ा कुल डाल दिया.”
भारत को पहले मैच में हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन दूसरे मैच में विराट कोहली की टीम मजबूती से वापसी करने की ओर देखेगी. सीरीज का दूसरा मैच चेन्नई के चेपाक स्टेडियम में 13 फरवरी से शुरु होगा.
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