भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपने एक बयान में ऐसा कहा कि भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के लिए बल्लेबाजी के अनुकूल पिच बनाई जाएगी. बता दे कि, दोनों टीमों के बीच अभी तक जो पिछले दो टेस्ट मैच खेले गए है, उनकी पिच एकदम स्पिनर्स के लिए मददगार थी और दूसरे टेस्ट मैच के दौरान तो पहले सत्र से ही विकेट से टर्न मिलने लगा था.
इतना ही नहीं, भारत और इंग्लैंड के बीच जो तीसरा टेस्ट मैच खेला गया था उसकी पिच लगातार सवालों के घेरे में बनी हुई है. मोटेरा में खेला गया तीसरा मैच मात्र दो दिन के अंदर ही समाप्त हो गया था. इससे पहले श्रृंखला का पहला टेस्ट मैच एकदम सपाट पिच पर खेला गया था, जहां मेहमान टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए पहली पारी में 57 8 रन बना डालें थे.
चूंकि, अब पिछले दोनों टेस मैचों में पिच को लेकर जांच चल रही है तो अब बीसीसीआई ने अंतिम टेस्ट मैच बल्लेबाजों के लिए मददगार विकेट तैयार करने जा रहा है.
मामले की जानकारी रखने वाले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ”अच्छी पिच की उम्मीद है जो ठोस रहेगी और समान उछाल मिलेगा. यह बल्लेबाजी के अनुकूल होगी और यह पारंपरिक लाल गेंद का टेस्ट मैच होगा इसलिए यहां चार से आठ मार्च तक होने वाले मुकाबले में काफी बड़े स्कोर की उम्मीद की जा सकती है.”
वहीं, इंग्लैंड के कई पूर्व खिलाड़ियों ने पिच को लेकर खूब आलोचना की है. हालांकि, मेहमान टीम ने अभी तक आधिकारिक तौर पर पिच को लेकर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान जो रूट का ऐसा मानना है कि पिच पर अंतिम फैसला आईसीसी द्वारा ही लिया जाना चाहिए.
बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा, ”अगर एक ही स्थल पर दो मैच होते हैं तो आप एक नतीजे को अलग नहीं कर सकते. अंतिम टेस्ट होने दीजिए और इसके बाद ही मैच रैफरी जवागल श्रीनाथ की रिपोर्ट के आधार पर आईसीसी अपनी कार्रवाई को लेकर फैसला करेगा. साथ ही अब तक इंग्लैंड की टीम ने भी कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है.”
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि तीसरे टेस्ट मैच में कम स्कोर गुलाबी गेंद के कारण था, क्योंकि गेंद बल्ले से लगने के बाद फिसल रही थी और उस सतह दोनों टीमों के बल्लेबाज कोई बड़ा रोल नहीं निभा सके. टीम इंडिया के अनुभवी ऑफ स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने भी यह स्वीकारा कि पिंक बॉल, रेड बॉल की तुलना में अधिक स्किड होती है.
उन्होंने कहा, ”गुलाबी गेंद का टेस्ट अच्छा रहा क्योंकि यह गेंद से अधिक जुड़ा हुआ मामला था. गेंद पिच पर गिरकर तेजी से आ रही थी जबकि पिच में कोई समस्या नहीं थी जैसा इंग्लैंड के कई पूर्व दिग्गज खिलाड़ी कह रहे हैं. वे सीधी गेंदों का सामना करने में नाकाम रहे, लेकिन इस तरह की पिचें अपने ऊपर भी भारी पड़ सकती हैं और बीसीसीआई को इसकी अच्छी तरह जानकारी है.”
बता दें कि, डे-नाइट टेस्ट मैच के दौरान कुल 30 विकेट गिरे थे, जिसमें से 21 तो मात्र सीधी गेंद पर आए थे. हालांकि, इस बात में कोई शक नहीं है कि चौथे टेस्ट के लिए पिच कैसी रहेगी इस पर सभी की नजरें बनी रहेगी. भारत और इंग्लैंड के बीच अंतिम मैच 4 मार्च के अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में उसी मैदान पर खेला जाएगा.
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