भारतीय टीम के अनुभवी सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा का ऐसा कहना है कि किसी भी मैदान की पिच दोनों टीमों के लिए एक समान होती है. दरअसल, चेन्नई में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में पिच को लेकर काफी सवाल खड़े हुए थे. पहले ही दिन के शुरूआती सत्र से विकेट से स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलने लगी थी. माइकल वॉ और मार्क वॉ जैसे कई दिग्गजों ने पिच को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया था और कहा था कि क्यूरेटर ने ऐसी पिच तैयार की, जो घरेलू टीम के लिए फायदेमंद है.
हालांकि टीम इंडिया के अनुभवी खिलाड़ी रोहित शर्मा इससे सहमत नहीं है. उनके अनुसार पिच दोनों टीमों के लिए समान है और ये कोई नहीं बात नहीं है कि घरेलू टीम अपनी शर्तों के हिसाब से विकेट तैयार करती है.
चेन्नई में टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाजों ने विकेट का पूरा फायदा उठाया था. साथ ही रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंत, कप्तान विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन ने बखूबी दर्शाया था कि अगर थोड़ा साहस दिखाया जाए तो यहां पर बल्लेबाजी की जा सकती है. वास्तव में अगर ये खिलाड़ी जल्दी आउट हो जाते तो इस मैच का परिणाम कुछ भी हो सकता था.
चेन्नई टेस्ट की पहली पारी में रोहित शर्मा ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 161 रन बनाए थे, जिसके चलते टीम इंडिया पहली पारी में 329 रन बनाने में कामयाब रही थी. विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए परिचित रोहित शर्मा ने शुरुआत तेज जरूर की थी, लेकिन बाद में उन्होंने विकेट पर संयम के साथ खेल दिखाया था और अपनी पारी को आगे बढ़ाया था.
वहीं, आर अश्विन ने पहली पारी में पांच विकेट लेकर इंग्लैंड की कमर तोड़ दी थी. टेस्ट फॉर्मेट में ये उनका 29वां पांच विकेट हॉल भी रहा. दूसरी पारी में अपना टेस्ट डेब्यू कर रहे अक्षर पटेल भी पांच विकेट लेने में सफल रहे थे. इंग्लैंड पहली पारी में 134, जबकि दूसरी पारी में 164 के स्कोर पर सिमट गई थी.
रोहित शर्मा ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “पिच दोनों टीमों के लिए समान है. इसलिए मुझे नहीं पता कि पिच को लेकर इतनी चर्चा क्यों है. दोनों टीमें एक ही पिच पर खेलीं. लोग कहते हैं कि पिच ऐसी होनी चाहिए, ऐसी नहीं लेकिन इतने वर्षों से भारतीय पिचें इसी तरह से तैयार की जाती हैं. मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई बदलाव करने की जरूरत है. हर टीम अपने घरेलू हालात का फायदा उठाती है.”
दिग्गज सलामी बल्लेबाज ने आगे कहा, “बल्लेबाजों के रूप में, हम कभी भी पिच के बारे में नहीं सोचते हैं. हम केवल अपनी योजनाओं के बारे में सोचते हैं. यदि यह एक टर्निंग पिच है, तो हमें स्वीप खेलना होगा या ट्रैक से नीचे आना होगा. यदि यह एक पिचिंग पिच है, तो हमें गेंदों को छोड़ना होगा या फिर क्रीज के बाहर खड़े रहें या रक्षात्मक रूप से खेलें.”
वैसे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि दूसरे टेस्ट मैच की पिच बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने दिखाया कि पिच बिल्कुल भी ऐसा नहीं है कि बल्लेबाजी कि ही ना जा सके. घरेलू टीम से हमेशा यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी शर्तों का उपयोग करे और भारत में भी ऐसा कुछ नहीं हुआ.
भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट मैच 24 फरवरी से अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम में खेला जाएगा.
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