इंग्लैंड के साथ खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने इतिहास में इंग्लिश टीम के खिलाफ सबसे बड़ी 317 रनों से जीत दर्ज की. ये जीत वैसे तो संयुक्त रूप से टीम के प्रदर्शन के चलते मिली. लेकिन रविचंद्रन अश्विन द्वारा किए गए आउट स्टैंडिंग प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. अश्विन ने अपनी कमाल की बल्लेबाजी के लिए टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर को श्रेय दिया.
जब भी भारतीय टीम घरेलू कंडीशन में टेस्ट मैच खेलती है, तो टीम का मुख्य हथियार होते हैं रविचंद्रन अश्विन. इस ऑफ स्पिनर ने दूसरे टेस्ट मैच में एक बार फिर अपनी काबिलियत को साबित किया. इस बार ना केवल अश्विन गेंद से विपक्षी टीम पर हावी रहे, बल्कि उन्होंने 148 गेंदों पर 106 रनों की शतकीय पारी खेलकर भी इंग्लैंड को मैच से पूरी तरह बाहर कर दिया था.
अश्विन की इस कमाल की पारी की मदद से भारत ने इंग्लैंड को 482 रनों का लक्ष्य दिया था. जवाब में इंग्लिश टीम 164 रन ही बना सकी और भारत ने इस मैच को 317 रनों के विशाल अंतर से जीतकर अपने नाम कर लिया.
रविचंद्रन अश्विन ने तीसरे दिन के बाद अपनी बल्लेबाजी का श्रेय विक्रम रौठार को दिया और कहा, “मैं आभारी हूं कि बनाई हुई योजना पर मैं खरा उतर सका.एक बहुत अच्छा दिन था. हम विक्रम राठौर के साथ इसका अभ्यास कर रहे हैं. नए विकल्पों को तलाशने में राठौर काफी मददगार रहे हैं. वह उन लोगों में से हैं, जिन्होंने मुझे खुद को साबित करने में मदद की. पिछले चार-पांच टेस्ट मैच में मैंने जिस तरह की बल्लेबाजी की है, इसका पूरा श्रेय उन्हें जाता है.”
भारत इस टेस्ट में वैसे तो शुरुआत से ही मजबूत स्थिति में था. लेकिन दूसरी पारी की शुरुआत बहुत ही खराब हुई थी भारत ने 106 के स्कोर पर ही अपने 6 विकेट गंवा दिए थे. मगर अश्विन और विराट कोहली के बीच 96 रनों की साझेदारी हुई, जो टीम के लिए बेहद जरूरी थी. विराट के 62 रन पर आउट होने के बाद भी अश्विन क्रीज पर डटे रहे और उन्होंने अपने टेस्ट करियर का पांचवां शतक लगाया. अश्विन ने खुलासा किया कि उनकी योजना इंग्लैंड के स्पिनरों के खिलाफ स्वीप करना था.
अश्विन ने तीसरे दिन की खेल समाप्ति के बाद कहा, “पिछले टेस्ट के बाद हम ये सोच रहे थे कि हमें कैसे जैक लीच का सामना करना है और मैंने उनके खिलाफ स्वीप शॉट खेलना शुरू कर दिया। पिछली बार मैंने तब स्वीप शॉट खेला था जब मैं करीब 19 साल का था. उसके बाद से पिछले 13-14 साल से मैंने स्वीप शॉट नहीं खेला था. मैं सात-10 दिन से इस शॉट का अभ्यास कर रहा था और मैं बहुत आभारी हूं कि मेरी ये योजना कारगर रही.”
ये पहला शतक था, जो अश्विन के बल्ले से वेस्टइंडीज के अलावा किसी और टीम के सामने आया है. वरना उनके करियर में इससे पहले चारों ही शतक वेस्टइंडीज के खिलाफ ही आए. बल्लेबाजी के अलावा अश्विन ने पहली पारी में फाइव विकेट हॉल लिया और दूसरी पारी में 3 विकेट चटकाए.