इंग्लैंड हमेशा अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है और ये बात किसी से भी छिपी नहीं है कि इंग्लैंड के बल्लेबाज पारी के बीच के ओवर्स में जमकर रन बनाने के लिए जाने जाते हैं. इंग्लैंड ने इस रणनीति को जारी रखते हुए काफी सफलता भी हासिल की है. इतना ही नहीं इंग्लैंड के कप्तान इयोन मॉर्गन ने भारत के खिलाफ पहले वनडे में मिली हार के बाद भी ये कहा था कि उनकी टीम इस सिलसिले को जारी रखेगी.
मेहमान टीम ने इस क्रम को जारी रखा और दूसरे मुकाबले में भारत के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की. इंग्लैंड के सामने 337 रनों का बड़ा लक्ष्य था, जिसे टीम ने 39 गेंद शेष रहते पूरे छह विकेट से जीतकर अपने नाम किया.
इसी कारण अंतिम एकदिवसीय में टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ एक विशेष रणनीति बनाकर मैदान उतरना काफी महत्वपूर्ण था. टीम इंडिया के अनुभवी तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने खुलासा करते हुए कहा कि इंग्लैंड के आक्रामक रवैये से निपटने के लिए टीम पूरी तरह से तैयार थी और श्रृंखला शुरु होने से पहले भी मेजबान टीम ने इस पर चर्चा की थी कि कैसे इंग्लैंड के मध्यक्रम से पार पाया जाए.
भुवनेश्वर कुमार ने अपने बयान में कहा, “मानसिक दृढ़ता बहुत मायने रखती है. श्रृंखला की शुरुआत से पहले, एक टीम के रूप में, हमने चर्चा की थी कि इंग्लैंड आक्रामक क्रिकेट खेलता है, तो यह या तो एक उच्च स्कोरिंग मामला हो सकता है या उनके खिलाड़ी जल्दी आउट हो सकते हैं. इसलिए हमें पता था कि हम किस तरह की चुनौती के खिलाफ होने जा रहे हैं. हम स्थिति से निपटने के लिए तैयार थे। हमने हमेशा अपने आत्म-विश्वास को बनाए रखा.”
वैसे बता दें कि भुवनेश्वर कुमार ने एक लंबे अंतराल के बाद चोट से राष्ट्रीय टीम में वापासी की और काफी शानदार खेल भी दिखाया. लिमिटेड ओवर सीरीज में भुवी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर थे और उन्होंने एक बार भी टीम में जसप्रीत बुमराह की कमी नहीं खलने दी. पांच टी-20 मैचों में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 6.39 की इकॉनमी रेट के साथ चार विकेट चटकाए.
अपनी स्विंग के लिए लोकप्रिय भुवनेश्वर ने एकदिवसीय फॉर्मेट में भी इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों में 22.50 की बढ़िया औसत और 4.66 की इकॉनमी रेट के साथ छह विकेट अपनी झोली में डाले. पूरी सीरीज में भुवी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे.
हाल फिलहाल के समय में भुवनेश्वर कुमार अपनी इंजरी से काफी परेशान नजर आए हैं, ऐसे में उनके लिए टीम इंडिया में जोरदार वापसी करना काफी अहम था. हालांकि, इंजरी से पहले बीते दो साल भुवी के लिए कुछ ज्यादा खास नहीं रहे थे. भुवनेश्वर पिछले साल आईपीएल-13 से भी सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलते हुए हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण बाहर हो गए थे.
कप्तान विराट कोहली को वनडे सीरीज में भुवनेश्वर कुमार के साथ-साथ शार्दुल ठाकुर का भी बढ़िया साथ देखने को मिला. ठाकुर ने टी-20 सीरीज में आठ और वनडे में सात विकेट चटकाए.
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