भारत ने गुलाबी गेंद से खेले गए नरेंद्र मोदी स्टेडियम में तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड को 10 विकेटों से शिकस्त दी. भारत के कप्तान विराट कोहली इस जीत से खुश तो हैं, लेकिन उनका मानना है कि दोनों ही टीमों की बल्लेबाजी की क्वालिटी अच्छी नहीं थी. इस बात में कोई शक नहीं है कि दोनों ही टीमों के बल्लेबाजी क्रीज पर संघर्ष कर रहे थे.
इंग्लैंड ने इस मैच में टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी, लेकिन वह इसका फायदा उठा पाते इससे पहले भारत के स्पिनर्स उनपर हावी हो गए. सलमी बल्लेबाज जैक क्रॉली को छोड़कर कोई भी इंग्लिश बल्लेबाज पचासा तक नहीं लगा सका और इंग्लैंड की पहली पारी 112 पर सिमटी.
जब भारत बल्लेबाजी करने उतरा, तो सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (66) के अलावा कोई भी मैदान पर टिक नहीं सका और भारत भी पहली पारी में 145 पर सिमट गया. इंग्लैंड की दूसरी पारी की बल्लेबाजी तो और भी निराशाजनक रही जब पूरी टीम 81 के स्कोर पर ऑलआट हो गई और भारत के सामने जीत के लिए 49 रनों का लक्ष्य रखा.
इस लक्ष्य को भारत की सलामी जोड़ी ने बिना विकेट गंवाए हासिल किया और 10 विकेट से जीत दिलाई. हालांकि मैच खत्म होने के बाद कप्तान विराट कोहली ने इस बात को माना कि दोनों ही टीमों की बल्लेबाजी क्वालिटी लेवल की नहीं हुई थी.
विराट कोहली ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में कहा, “ईमानदारी से कहूं, तो मुझे नहीं लगता कि दानों टीमों की बल्लेबाजी की गुणवत्ता अच्छी थी. दोनों टीमों के बल्लेबाजों के पास स्किल्स का अभाव था. गेंद कल अच्छी तरह से बल्ले पर आ रही थी और गेंद मुड़ रही थी और पहली पारी में बल्लेबाजी के लिए यह एक अच्छी विकेट थी. लेकिन दोनों टीमों की बल्लेबाजी खराब थी. यह विचित्र था कि 30 विकेटों में से 21 विकेट सीधे गेंदों पर मिली. यह एकाग्रता में चूक था. यही टेस्ट क्रिकेट है. यह बल्लेबाजों का खुद को पर्याप्त रूप से लागू नहीं करने का एक बेहतरीन उदाहरण है.”
इसके अलावा विराट कोहली ने गुजराती बॉय अक्षर पटेल की तारीफ की. अक्षर को रविंद्र जडेजा के चोटिल होने के चलते टीम में शामिल किया गया, ताकि वह बाएं हाथ कि स्पिन गेंदबाजी से इंग्लिश बल्लेबाजों को परेशा कर सके. गेंदबाज ने इस मैच में दोनों पारियों में फाइव विकेट हॉल लेते हुए 11 विकेट चटकाए.
कोहली ने आगे कहा, ‘जडेजा के टीम में न होने से कई खिलाड़ियों का मौका मिला. ऐसे में अक्षर पटेल टीम में आए जो तेजी से और अच्छी हाइट से गेंद फेंकते हैं. मुझे समझ नहीं आता कि गुजरात में ऐसा क्या खास है कि वहां से इतने लेफ्ट आर्म स्पिनर आते हैं. आप अक्षर की गेंद पर न तो स्वीप कर सकते हैं और न ही डिफेंड, क्योंकि वह लगातार आपके शरीर पर गेंदबाजी करते हैं. अगर विकेट से थोड़ी भी मदद मिल रही हो तो अक्षर बेहद खतरनाक हो जाते हैं. हमें रविचंद्रन अश्विन की भी तारीफ करनी चाहिए. वह टेस्ट क्रिकेट में आधुनिक दौर के महान खिलाड़ी हैं. कप्तान के तौर पर मैं बहुत खुश हूं कि अश्विन मेरी टीम में हैं. हमें आगे कड़ी मेहनत के लिए तैयार रहना होगा.”
भारत – इंग्लैंड के बीच चौथा व आखिरी टेस्ट मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ही खेला जाएगा. इसकी शुरुआत 4 मार्च से होगी.
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