भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर ने अहमदाबाद टेस्ट में जोफ्रा आर्चर का विकेट लेने के साथ ही अपने 400 टेस्ट विकेट पूरे किए. वह पिछले कुछ सालों से टीम इंडिया का अहम हिस्सा बन चुके हैं. भारत के पूर्व विकेटकीपर सबा करीम इस बात से बहुत खुश हैं कि रविचंद्रन अश्विन को वह पहचान मिली है, जो उन्हें सालों पहले मिलनी चाहिए थी.
टेस्ट स्पेसलिस्ट ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने चेन्नई में इंग्लैंड सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में टीम के लिए ऑलराउंडर की भूमिका निभाई. जहां उन्होंने 8 विकेट चटकाए और 106 रनों की कमाल की पारी भी खेली. ये शतक उनके करियर के लिए और टीम इंडिया के लिए बहुत ही खास रहा, क्योंकि भारत ने इस मैच में जीत के साथ सीरीज में जबरदस्त वापसी की.
इंडिया न्यूज पर चर्चा में सबा करीम ने कहा, “मुझे खुशी है कि रविचंद्रन अश्विन को वह पहचान मिल रही है जो उन्हें कई साल पहले मिलनी चाहिए थी. मैं हमेशा से परेशान रहा हूं कि जब भी भारतीय टीम एशियाई उपमहाद्वीप के बाहर खेलने गई है, उसने कई बार कठोर फैसलों का सामना किया है. टेस्ट मैच में खराब गेंदबाजी करने या अच्छी गेंदबाजी नहीं करने के कारण उन्हें काफी बार ड्रॉप किया गया. मुझे हमेशा लगता है कि उनके साथ सही व्यवहार नहीं किया गया है.”
अश्विन ने 77 मैचों में अपने 400 टेस्ट विकेट चटकाए और वह विश्व के दूसरे और भारत के पहले सबसे तेज 400 विकेट लेने वाले गेंदबाज बन चुके हैं. ऑफ स्पिनर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी टीम इंडिया के लिए बेहतरीन गेंदबाजी तो की ही थी, साथ ही सिडनी टेस्ट में जिस अडिग इरादों के साथ उन्होंने हनुमा विहारी के साथ मिलकर टेस्ट ड्रॉ किया, उसे शायद ही कभी भुलाया जा सकता है.
इस बीच, अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों में 15.71 की शानदार औसत से कुल 24 विकेट झटके हैं. वह बल्ले के साथ ही टीम को मैच जिताने में अहम योगदान दे रहे हैं.
“मुझे खुशी है कि वह अब एक सच्चे मैच विजेता के रूप में आगे आ रहे हैं और उसे न केवल अपनी टीम में सम्मान मिल रहा है, बल्कि बहुत सारे क्रिकेट फैंस और पूर्व क्रिकेटरों को यह विश्वास हो गया है कि वह निश्चित रूप से मैच विनर है और वह एक हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में सामने आते हैं, मुश्किल परिस्थितियों में टीम के लिए रन बनाते हैं.”
सीरीज का आखिरी यानि चौथा टेस्ट मैच 4 मार्च से अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में शुरु होगा.