इंग्लैंड के साथ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में एक बार फिर युवा ऑफ स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर ने अपने चयन को सही साबित करते हुए कमाल की बल्लेबाजी की है. सुंदर की बल्लेबाजी से खुश भारत के पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि सुंदर के बल्ले से आए 85 रन किसी शतक से कम नहीं हैं.
पहले टेस्ट मैच में तीसरे दिन भारत की बल्लेबाजी आई. मगर भारत के ऊपरी क्रम के सभी बल्लेबाज जल्दी विकेट गंवा बैठे. इसके बाद ऋषभ पंत (91) व चेतेश्वर पुजारा (73) रन की अहम पारी खेली. लेकिन इन दोनों के अलावा वॉशिंगटन सुंदर की बल्लेबाजी ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया.
जब भारत 192-5 पर था तब सुंदर क्रीज पर आए थे. इसके बाद, पंत को जल्द ही आउट कर दिया गया और मेजबान टीम 225-6 पर थी. इसके बाद क्रीज पर रविचंद्रन अश्विन व वॉशिंगटन सुंदर मौजूद रहे.
अपने डेब्यू टेस्ट मैच में सुंदर ने 62 रन की पारी खेलने वाले वॉशिंगटन सुंदर ने भारत के लिए बेहतरीन बल्लेबाजी की. उन्होंने 138 गेंदों का सामना किया और 85 रन की नाबाद पारी खेली. इस पारी में उन्होंने 12 चौके व 2 छक्के जड़े. सुंदर तो क्रीज पर सेट हो गए थे, लेकिन अश्विन के आउट होने के बाद दूसरी छोर पर कोई बल्लेबाज टिक नहीं सका और भारतीय टीम 337 रनों पर सिमट गई.
सुंदर की इस कमाल की पारी की अब खूब चर्चा हो रही है. टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर भी सुंदर की इस पारी के कायल हो गए हैं और उनका मानना है कि ऑफ स्पिनर की ये पारी किसी शतक से कम नहीं है.
गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा, “उन्होंने और रविचंद्रन अश्विन ने, 80-प्लस रनों की साझेदारी कर भारत की मैच में वापसी कराई. यदि वे क्रीज पर नहीं टिकते, तो इंग्लैंड 241 के बजाय 341 की बढ़त बना लेती और इंग्लैंड की टीम पारी घोषित करके अपने गेंदबाजों को फिर से एक्शन पर लगा देती.
“वाशिंगटन सुंदर ने जिस तरह से बल्लेबाजी की, उसे देखिए. उनके द्वारा खेले गए कुछ शॉट शानदार थे. जेम्स एंडरसन के खिलाफ छक्के और फिर जो रूट के खिलाफ भी वह शॉट खेल गए. एक बेहतरीन अर्धशतक, मगर वह 100 रन बनाने के काबिल थे. दुर्भाग्य से, जब आप नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हैं, तो आप बहुत अधिक शतक नहीं लगा पाते हैं. यह नॉट आउट 85, किसी शतक से भी काफी अच्छा है.”
वॉशिंगटन सुंदर ने इंग्लैंड के सभी गेंदबाजों जेम्स एंडरसन और जोफ्रा आर्चर को भी नहीं बक्षा और उनके खिलाफ भी खुलकर शॉट लगाते दिखे. हालांकि सुनील गावस्कर उनके शॉट्स से अधिक उनकी टैक्निक से प्रभावित दिखे.
उन्होंने कहा, “उन्होंने एंडरसन और आर्चर के खतरे को पहचान लिया था. विभिन्न गेंदबाजों, एंडरसन को आगे बढ़ने के लिए गेंद मिलती है. आर्चर बहुत तेज हैं. इसलिए, मुझे लगता है कि उन्हें थोड़ा और सतर्क रहना चाहिए था. शॉट खेलने की तुलना में उनकी तकनीक अधिक प्रभावशाली थी.”
इंग्लैंड ने पहली पारी में 578 रन बनाए थे और भारत 337 पर ही सिमट गई. अब पहली पारी के बाद इंग्लैंड के पास 241 रनों की बढ़त रही और उन्होंने फॉलोऑन देने के बजाए बल्लेबाजी करने का फैसला किया.
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