भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने 2019 में बांग्लादेश के साथ खेले गए डे-नाइट टेस्ट मैच में कोलकाता के ईडेन गार्डेन्स में आखिरी शतक बनाया था. वह गुलाबी गेंद से अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने थे. लेकिन इसके बाद से विराट के बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला और इस बात को लगभग डेढ़ साल होने जा रहे हैं.
साल 2020 में वैसे तो कोरोना वायरस के चलते कम ही क्रिकेट खेला गया, लेकिन जितना खेला गया, उसमें विराट किसी भी फॉर्मेट में एक भी शतक नहीं लगा सके. इसलिए साल 2020 कोहली के करियर का वह साल रहा, जिसमें उनके बल्ले ने शतक का सूखा देखा.
रन मशीन कोहली 70 अंतरराष्ट्रीय शतक लगा चुके हैं, मगर उनका बल्ला 71वें शतक का लंबे वक्त से इंतजार कर रहा है. लेकिन इंग्लैंड सीरीज के चौथे टेस्ट मैच से पूर्व संध्या को विराट ने ये स्पष्टकर दिया कि वह शतक ना लगा पाने से हताश या परेशान नहीं हैं.
कोहली ने कहा कि वह टीम की सफलता में योगदान देने में विश्वास करते हैं और उस रास्ते में यदि कोई बड़ी उपलब्धि मिलती है, तो वे उन्हें दोनों हाथों से लेते हैं. भारतीय कप्तान ने कहा कि राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने पर टीम की सफलता उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है.
विराट कोहली खराब फॉर्म में नहीं हैं. यदि आप उनके पिछले कुछ टेस्ट मुकाबले देखें, तो उन्होंने एडिलेट में 74 रन बनाए थे, जहां टीम इंडिया को शर्मिंदगी भरी हार का सामना करना पड़ा था. फिर इंग्लैंड सीरीज के पहले टेस्ट में उनहोंने 72 रन बनाए और दूसरे टेस्ट में मुश्किल पिच पर कोहली के बल्ले से 62 रन की पारी निकली थी. हां, इन सबके बीच इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता कि विराट शतक नहीं लगा सके हैं.
“मैं किसी जल्दबाजी में या निराशा में नहीं हूं. क्योंकि एक बल्लेबाज होने के नाते मैं जानता हूं कि मैं कहां खड़ा हूं, मैं कैसे खेल रहा हूं, टीम में मेरी जिम्मेदारी क्या है. वे (आलोचक) माइलस्टोन को देखते हैं. यदि टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो वे कप्तानी को देखते हैं. यदि टीम अच्छा प्रदर्शन करती है और बल्लेबाज प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वे व्यक्तिगत स्कोर को देखते हैं. इसलिए, मेरे लिए, ये बस वो मुद्दे हैं जो इधर-उधर से यूहीं उठाए जाते हैं.”
उन्होंने इस संबंध में आगे कहा “भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और एक बल्लेबाज के रूप में मेरी जिम्मेदारी रन बनाने की है. मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मैं टीम को आगे बढ़ाता रहूं और साझेदारी में शामिल रहूं. इस दौरान यदि को माइलस्टोन मिलता है, तो अच्छा है. यदि वे नहीं मिलते हैं, तो मेरे लिए टीम की जीत अहम है. दिन के अंत में टीम की जीत हमारा मुख्य लक्ष्य है, यही हमेशा रहा है.”
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने एक कप्तान के रूप में लगातार अच्छा किया है. अहमदाबाद टेस्ट को जीतने के साथ ही उन्होंने अपने जीत प्रतिशत को और बेहतर करने के साथ ही महेंद्र सिंह धोनी को पीछे छोड़ते हुए घरेलू परिस्थितियों में टीम इंडिया को सबसे अधिक टेस्ट मैचों में जीत दिलाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया.
चौथा टेस्ट मैच 4 मार्च से अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा.
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