भारतीय टीम ने पिछला डे-नाइट टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के साथ एडिलेट में खेला था. जहां भारतीय टीम ने एक शर्मनाक हार का सामना किया था. जब पूरी टीम सिर्फ 36 के स्कोर पर ही ऑलआउट हो गई थी. ऑस्ट्रेलिया की तूफानी गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाज घुटने पर नजर आए थे.
इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान जो रूट एडिलेड की घटनाओं का फायदा उठाने के लिए उत्सुक हैं और उन्होंने पिंक बॉल टेस्ट के शुरु होने से पहले कहा है कि वे इसका फायदा उठाना चाहेंगे. रूट का मानना है भारतीय टीम, जब सरदार पटेल स्टेडियम में पिंक बॉल टेस्ट खेलने उतरेगी, तो उनके मन में एडिलेट टेस्ट की बातें जरुर चल रही होंगी.
एडिलेट टेस्ट में पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड के सामने भारतीय टीम के बल्लेबाज टिक नहीं पाए थे और दूसरी पारी का सिर्फ कुछ समय के खराब खेल ने उन्हें 36 रन पर ऑलआउट करा दिया.
रूट को लगता है कि उनके तेज गेंदबाजों के लिए भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाना और अपने मौके बनाना जरूरी होगा.
“अगर हम उस एडिलेड में होने वाली घटनाओं का फायदा उठा सकते हैं. ये कुछ वैसा होगा जिसे हम करने के लिए देखेंगे. लेकिन इसके लिए आपको सही तरह से खेल को चलाना होगा, जल्दी से दबाव बनाना होगा, और अच्छे गेंदबाजी अच्छे क्षेत्रों में करनी होगी. डिफेंस को चुनौती देनी होगी. 36 ऑलआउट हमारा फोकस होगा, क्योंकि यह उनके लिए चिंता की बात होगी, उनके दिमाग में यह चल रहा होगा.”
इस वक्त भारत और इंग्लैंड 1-1 की बराबरी पर हैं. रूट का मानना है कि ये अच्छी स्थिति है. इंग्लैंड को मौजूदा विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के लिए क्वालिफाई करने के लिए भारत के खिलाफ आखिरी दो टेस्ट मैच जीतने होंगे या फिर एक मैच को जीतकर दूसरे को कम से कम ड्रॉ करना होगा.
“हम पिंक बॉल टेस्ट में 1-1 की बराबरी के साथ उतरने वाले हैं. ये हमारे नजरिए से अलग स्थिति है. ये हमारी टीम के लिए बहुत रोमांचक है. उपमहाद्वीप में भारत के खिलाफ खेलते हुए, आप गेंद को स्पिन करने की उम्मीद करते हैं.”
उन्होंने कहा, “लेकिन अगर कंडीशन सीमर्स को मदद करती हैं, तो इंग्लिश कंडीशंस में बढ़ने का अनुभव हमारे पक्ष में होना चाहिए. यह उन परिस्थितियों को संभालने के बारे में है जिन्हें हम कर सकते हैं और गेंदबाजी करते हुए उनपर हावी हो सकते हैं.”
तीसरा टेस्ट मैच 24 फरवरी से मोटेरा स्टेडियम में खेला जाएगा.