भारत के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की अक्सर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से तुलना की जाती है या फिर रिद्धिमान साहा, जो दस्तानों के साथ बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं, उनके साथ कंपेयर किया जाता है. जिसपर रविचंद्रन अश्विन का कहना है कि इस तरह की तुलनाओं को बंद करना चाहिए, तभी उन्हें आत्मविश्वास मिलेगा.
ऋषभ पंत ने जब से विकेटकीपिंग दस्ताने संभाले हैं, तभी से उन्हें पूर्व भारतीय दिग्गज विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के वारिस के रूप में मीडिया ने संबोधित किया. जिसका खामियाजा आज भी युवा पंत को उठाना पड़ता है क्योंकि हमेशा उनकी तुलना माही व भारत के क्वालिटी विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के साथ की जाती है.
जबकि पंत को अभी क्रिकेट के मैदान पर उतरे ज्यादा वक्त नहीं हुआ है. दूसरी ओर धोनी व साहा ने लंबा वक्त विकेट के पीछे बिताया. कोई भी खिलाड़ी धीरे-धीरे ही बेहतर होता है, लेकिन पंत ने खुद को विस्फोटक बल्लेबाज साबित किया है और विकेटकीपिंग पर भी वह काफी ध्यान दे रहे हैं.
रविचंद्रन अश्विन ने समीक्षकों को पंत की तुलना धोनी व साहा से ना करने की गुजारिश की. उनका मानना है कि इससे खिलाड़ी के आत्मविश्वास पर प्रभाव पड़ता है.
अश्विन ने कहा, ‘‘उनकी तुलना लगातार दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी से की जाती रही है, अब उनकी विकेटकीपिंग की तुलना ऋद्धिमान साहा से की जा रही है. कई बार इस तरह की तुलनाओं को बंद करने की जरूरत होती है तभी खिलाड़ी का आत्मविश्वास बढ़ता है. कई बार सालों तक बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी से आपकी तुलना की जाती है, ये आपके लिए काफी मुश्किल हो सकता है. मैं इस मामले में पंत के बारे में सोचता हूं. पंत के पास क्षमता है और इसलिए वो यहां है और मुझे इसमें कोई शक नहीं कि वो अपने प्रदर्शन में और सुधार करेंगे.’’
इंग्लैंड के साथ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में पंत ने ओली पोप व जैक लीच को आउट करने के लिए लाजवाब कैच पकड़े थे, जिसकी वाहवाही उन्हें कप्तान, टीम व फैंस से मिली.
अश्विन ने आगे कहा, “ऋषभ पंत को बनाए रखने के संबंध में, खेल का नाम आत्मविश्वास है. वह अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं और वह अपने साथ-साथ वह विकेटकीपिंग पर भी काफी मेहनत कर रहे हैं. जब आप लगातार किसी ऐसे व्यक्ति से तुलना कर रहे हैं जिसने वर्षों तक अच्छा प्रदर्शन किया है. तो खिलाड़ी के लिए वास्तव में ये काम कठिन हो सकता है.”
ऋषभ पंत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बेहतरीन बल्लेबाजी की थी और उन्होंने अपनी वो लय इंग्लैंड के खिलाफ भी जारी रखी है. पहले टेस्ट मैच में उन्होंने 91 रन बनाए और दूसरी पारी में 58* पारी खेली. दूसरे टेस्ट मैच में भारत लीडिंग पोजिशन पर है.