टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा का ऐसा मानना है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम के लिए सबसे बड़ी निराशा का काम ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज आरोन फिंच ने किया. फिंच को पूरे सत्र के दौरान कुल 12 मैच खेलने का मौका मिला और वो 22.33 की साधारण औसत और 111.20 के स्ट्राइक रेट के साथ सिर्फ 268 रन ही बना सके.
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के लिमिटेड ओवर कप्तान आरोन फिंच को आरसीबी ने आईपीएल ऑक्शन के दौरान 4.40 करोड़ में आने साथ जोड़ा था, लेकिन अपनी खेली 12 पारियों में वो सिर्फ एक ही बार 50+ का आंकड़ा पार कर सके. हालांकि टीम के युवा खिलाड़ी देवदत्त पडिक्कल ने कमाल का खेल दिखाया, लेकिन दूसरे छोर से उनको फिंच का साथ नहीं मिल सका.
आरोन फिंच को टीम के कप्तान विराट कोहली ने लगातार मौके दिए, लेकिन वो मिले मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रहे और हारकर कोहली को प्लेऑफ स्टेज में उनको ड्रॉप कर जोश फिलिपे को अंतिम ग्यारह में मौका देना पड़ा. फिलिपे भी ज्यादा बड़ी पारियां नहीं खेल सके और उन्होंने भी अपने प्रदर्शन से कुछ खास प्रभावित नहीं किया.
एलिमिनेटर मैच में फिंच को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ एक और मौका मिला, लेकिन निर्याणक मुकाबले में फिंच 32 रन बनाकर ही चलते बने. उनको एक स्टार्ट जरुर मिला था, लेकिन उसको वो बड़े स्कोर में बदलने में विफल रहे.
यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए आकाश चोपड़ा ने कहा, ”आरोन फिंच इस सीजन में आरसीबी के लिए सबसे बड़ी निराशा रहे. टीम ने उनके ऊपर बड़ा दांव लगाया था और लंबे समय तक उसके साथ भी रहे. आप फिंच जैसे खिलाड़ी से बड़े हिट की उम्मीद करते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, ”बल्लेबाजी में फिंच को पूरे मौके मिले. इसलिए कोई ये नहीं कह सकता है कि उनको पर्याप्त मौके नहीं दिए गये. हां आप ये जरुर कह सकते हो कि टीम मैनेजमेंट ने मोइन अली को बाहर रखकर फिंच को मौका दिया. हालांकि सभी 10 से 12 मैचों में.”
बात अगर बैंगलोर के प्रदर्शन की करे तो टीम के लिए सत्र का अगर जोरदार रहा था और टीम ने पहले 10 से साथ मैच जीतकर अपने नाम किये थे, लेकिन इसके बाद टीम को प्लेऑफ सहित एक के बाद एक पांच मैचों में मिली बड़ी हार का मुहं देखना पड़ा. एक समय विराट एंड कंपनी को ट्रॉफी जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन टीम ने अपने प्रदर्शन से फैंस को खासा निराश किया.