भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल-14) के लिए कुछ नए कानून लागू किए हैं. बीसीसीआई ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि आईपीएल-14 में सभी आठों की आठों टीमों को एक पारी के 20 ओवर 90 मिनट में समाप्त करने होंगे.
इससे पहले तक पारी का 20वां ओवर 90वें मिनट में शुरू होता था. मगर अब प्रत्येक टीम को अपने समय पर ओवरों को पूरा करने के लिए 14.11 ओवर की दर हासिल करनी होगी. इस दौरान टाइम आउट को नहीं माना जाएगा.
बीसीसीआई ने क्रिकबज के हवाले से कहा, “मैच के समय को नियंत्रित करने के उपाय के रूप में, प्रत्येक पारी में 20वां ओवर अब 90वें मिनट में शामिल किया जाता है, पहले 20वां ओवर 90वें मिनट पर या उससे पहले शुरू होना था.”
बोर्ड ने इस बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा, “आईपीएल मैचों में हासिल की जाने वाली दर पर न्यूनतम 14.11 ओवर प्रति घंटा (समय-समय पर लगने वाले टाइम आउट) होगी. निर्बाध मैचों में, इसका मतलब है कि पारी की शुरुआत के 20वें ओवर को 90 मिनट (खेलने के समय के 85 मिनट और प्लस आउट के 5 मिनट) के भीतर समाप्त होना चाहिए. विलंबित या बाधित मैचों के लिए जहां एक पारी 20 ओवरों से कम समय के लिए निर्धारित होती है, 90 मिनट का अधिकतम समय हर ओवर के लिए 4 मिनट 15 सेकंड कम हो जाएगा, जिससे पारी कम हो जाती है.”
साथ ही बीसीसीआई ने आगामी सत्र से सॉफ्ट सिग्नल को हटा दिया है. इसके साथ अब थर्ड अंपायर के पास मैदानी अंपायर के निर्णायक को बदलने का अधिकार मिलेगा.
हाल में ही सॉफ्ट सिग्नल का नियम काफी विवादों में आया था. इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टी-20 मैच में सूर्यकुमार यादव ने फाइन लेग पर शॉट खेला था, जिसे डेविड मलान ने पकड़ा था. वीडियो में साफ देखा जा सकता था कि कैच लपकने के बाद गेंद मैदान से जा लगी थी. हालांकि, मैदानी अंपायर के आउट देने के सिग्नल के कारण यादव को आउट करार दिया गया. भारतीय कप्य्थान विराट कोहली ने कहा था, मुझे यह समझ नहीं आता कि अंपायरों के लिए ‘मुझे नहीं पता’ का विकल्प क्यों नहीं है.
कई सारे क्रिकेट पंडितों को भी ऐसा लगता है कि ऑन-फील्ड अंपायर के लिए एक नरम संकेत देने के लिए समझ में नहीं आता है, खासकर जब 30-यार्ड सर्कल के बाहर कैच लिया जाता है.
बीसीसीआई ने अपना बयान जारी करते हुए कहा, ‘’सॉफ्ट सिग्नल को हटाने का निर्णय इसलिए लिया गया है, ताकि थर्ड अंपायर मैदानी अंपायर के फैसले को ध्यान में रखे बिना उचित निर्णय ले सके.”
बोर्ड ने विस्तार से इसके बारे में कहा, ‘’ऑन-फील्ड अंपायरों को निर्णय लेने के लिए थर्ड अंपायर से सहायता की आवश्यकता होती है, गेंदबाज के अंतिम अंपायर को पहले स्ट्राइकर के अंतिम अंपायर से सलाह लेने के बाद तीसरे-अंपायर के साथ दो-तरफ़ा रेडियो से परामर्श करने से पहले एक निर्णय लेना चाहिए. इस तरह के परामर्श को गेंदबाज के अंतिम अंपायर द्वारा अपने हाथों से टीवी स्क्रीन का आकार बनाकर तीसरे अंपायर को दिया जाना चाहिए. तीसरा अंपायर यह निर्धारित करेगा कि क्या बल्लेबाज पकड़ा गया है, चाहे वह गेंद एक गेंद थी, या यदि बल्लेबाज ने मैदान में बाधा डाली. अगर कैच पकड़ा गया तो थर्ड अंपायर उसके लिए उपलब्ध सभी तकनीकी सहायता का उपयोग करेगा. तीसरा अंपायर अपने फैसले से संवाद करेगा.”
बीसीसीआई ने ऑन-फील्ड अंपायर द्वारा शॉर्ट रन कॉल को भी बदल दिया है. भारतीय बोर्ड ने थर्ड अंपायर को ऑन-फील्ड अंपायर के फैसले को खत्म करने की इजाजत दी है.
पिछले साल दिल्ली कैपिटल और पंजाब किंग्स के बीच खेले गए मुकाबले में शॉर्ट रन को लेकर काफी बड़ा विवाद देखने को मिला था. नितिन मेनन ने शॉर्ट रन की बात कही थी, जबकि बल्लेबाज का कहना था कि उसने रन पूरा किया था. बाद में वो मैच टाई रहा और सुपर ओवर में पंजाब को हार का सामना करना पड़ा. बता दें कि ये सभी नियम 1 अप्रैल से लागू होंगे.
भारत के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने पिछले दो सालों में अपने सुधार के ग्राफ… अधिक पढ़ें
दिग्गज सुनील गावस्कर चाहते हैं कि विराट कोहली और रोहित शर्मा की अनुभवी जोड़ी अपने… अधिक पढ़ें
पूर्व भारतीय टेस्ट सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा का मानना है कि ब्रिसबेन के गाबा में… अधिक पढ़ें
भारत के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज… अधिक पढ़ें
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का मानना है कि ब्रिसबेन के गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ… अधिक पढ़ें
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने रविचंद्रन अश्विन के शानदार करियर की तारीफ की।… अधिक पढ़ें