गुरुवार को अहमदाबाद में तूफानी बल्लेबाजी करते हुए सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाले दिल्ली कैपिटल्स के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने खुलासा किया है कि ऑस्ट्रेलिया के निराशाजनक दौरे से भारत लौटने के बाद उनके पिता ने उन्हें उनका स्वाभाविक खेल खेलने के लिए कहा.
पृथ्वी शॉ के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरा बेहद निराशाजनक रहा. जहां शुरुआती दो मैचों में मिले मौकों को वह नहीं भुना पाए और फिर उन्हें पिंक बॉल टेस्ट में ड्रॉप कर दिया गया और शुभमन गिल को डेब्यू का मौका दिया गया. मगर इसके बाद शॉ ने जो वापसी की, वह लाजवाब रही.
शॉ ने मेहनत की और विजय हजारे ट्रॉफी में बड़ी उपलब्धि हासिल की. शॉ ने विजय हजारे ट्रॉफी के आठ मैचों में 165.40 की औसत से और 138.29 की शानदार स्ट्राइक रेट से 827 रन बनाए, जिसमें चार शतक शामिल थे. इसके अलावा, शॉ ने विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे अधिक रन बनाने के मयंक अग्रवाल के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया क्योंकि मयंक ने 2018 संस्करण में 723 रन बनाए थे.
शॉ ने आईपीएल में अपनी अच्छे फॉर्म को जारी रखा है क्योंकि चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ खेले गए सीजन के पहले मैच में उन्होंने 38 गेंदों पर 72 रन बनाए थे. प्रतिभाशाली बल्लेबाज ने गुरुवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ अपने विनाशकारी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, क्योंकि उन्होंने 41 गेंदों पर 11 चौके व 3 छक्कों की सहायता से 82 रन बनाए.
इस पारी में सबसे खास रहा, जब शॉ ने पहले ही ओवर में शिवम मावी के सामने ओवर की सभी 6 गेंदों पर 6 चौके लगाए और इस तरह 156 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के लिए शॉ ने टीम को मजबूत शुरआत दी. उन्होंने सिर्फ 18 गेंदों पर ही अपना अर्धशतक पूरा किया.
पृथ्वी शॉ ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में कहा, “मेरे पिताजी ने मेरा बहुत सपोर्ट किया है. ऑस्ट्रेलिया से वापस आने के बाद, मैं खुद से खुश नहीं था. मेरे पिताजी ने मुझे अपना प्राकृतिक खेल खेलने के लिए कहा. उनके शब्दों ने मुझपर असर किया और मैंने कड़ी मेहनत की. क्रिकेट में ग्राफ बहुत ऊपर और नीचे जा रहे हैं, बहुत सारी असफलताएँ मेरे रास्ते में आने वाली हैं.”
शॉ ने कहा कि वह अपने व्यक्तिगत स्कोर के बारे में नहीं सोचते हैं और उनके लिए टीम की सफलता में योगदान देना महत्वपूर्ण है.
शॉ ने कहा, “इस विकेट पर विशेषकर जब स्पिनर गेंदबाजी कर रहा हो तो गेंद, बल्ले पर बहुत अच्छी तरह से नहीं आ रही थी. थोड़ी रुक कर आ रही थी. उनका इंतजार कर रहा था कि वह स्टंप पर या बाहर मेरी तरफ गेंदबाजी करें ताकि मैं अपने हाथ खोल सकूं. जब मैं क्रीज होता हूं, तो खेलता रहता हूं और स्कोर के बारे में नहीं सोचता. अपने बारे में मत सोचो, बस टीम को जीतना चाहिए.”
दिल्ली कैपिटल्स 2 मई को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच खेलने उतरेगी.