पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर का मानना है कि पृथ्वी शॉ ने श्रीलंका के खिलाफ पहले एकदिवसीय मैच में जबरदस्त पारी खेली थी और हमें उन पर शतक लगाने का दबाव नहीं बनाना चाहिए. शॉ ने आतिशी बल्लेबाजी करते हुए महज 24 गेंदों में 43 रन बना डाले, जिसमें उन्होंने 9 चौके जड़े.
उनकी इस बेहतरीन पारी के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार भी दिया गया. शॉ आक्रामक तरीके से बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते हैं और वह अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से खेल को एक झटके में विपश्री टीम से छीन सकते हैं. शॉ ने लाजवाब पारी खेली खेली, लेकिन वह अधिक परिपक्वता के साथ बल्लेबाजी कर सकते थे क्योंकि उन्होंने धनंजय डी सिल्वा की पहली ही गेंद पर बड़ा शॉट लगाने का प्रयास किया और लॉन्ग-ऑन पर आउट हो गए. पिछले ओवर में दुष्मंथा चमीरा के बाउंसर से शॉ के सिर पर चोट लगी थी और उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उसके बाद उनका ध्यान भटक गया.
मांजरेकर ने सोनी स्पोर्ट्स से कहा, “मुझे उम्मीद है कि हम उनके साथ वैसा नहीं करेंगे जैसा हम भारत में करते आए हैं, युवा खिलाड़ी पर यह कहकर दबाव बनाना कि वह शतक नहीं कर रहा है. उनके 43 रनों ने भारत को जीत की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया था. वहां से भारत मैच नहीं हार सकती थी. मैं उनके 40-50 रन बनाने से और उनके स्ट्राइक रेट से खुश हूं, क्योंकि इसके बाद उनके पास काफी बल्लेबाजी थी. ऐसा लग रहा था कि वह ऐसा नहीं खेलेंगे.”
मांजरेकर ने कहा कि शॉ को अंततः बड़े स्कोर मिलेंगे और हमें युवा खिलाड़ी पर अपनी शुरुआत को पर्याप्त स्कोर में बदलने का दबाव नहीं बनाना चाहिए.
“धीरे-धीरे वह बड़ा स्कोर करना शुरू कर देंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन पर दबाव बनाना चाहिए कि उन्हें अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलना चाहिए. अगर आप शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं और अच्छे खिलाड़ी हैं तो आप शतक बनाएंगे ही, लेकिन जीत जरूरी है.”
मांजरेकर ने कहा, “पृथ्वी शॉ की पारी के प्रभाव से भारत ने 13.2 ओवर शेष रहते 263 रनों के लक्ष्य हासिल कर लिया. यह एक स्टेटमेंट है.”
दूसरा वनडे मंगलवार को इसी मैदान पर खेला जाएगा.