इस सदी में जन्म लेने वाले प्रतिभाशाली बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल भारतीय टीम के लिए खेलने वाले पहले पुरुष क्रिकेटर बन गए हैं. कर्नाटक के बल्लेबाज को दूसरे टी20आई मैच में मौका मिला, क्योंकि क्रुणाल पांड्या के कोविड पॉजिटिव आने के बाद उनके करीबी संपर्कों के रूप में पहचाने जाने वाले 8 खिलाड़ियों को भी क्वारेंटीन कर दिया गया था.
हालांकि, पडिक्कल अपने टी20आई डेब्यू मैच में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके. उन्होंने 23 गेंदों में 29 रन बनाए, लेकिन वह अपनी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल सके. इसके अलावा, इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलने वाले युवा बल्लेबाज को तीसरे और अंतिम टी20आई में भी मौका मिला, लेकिन वह नौ रन बनाकर आउट हो गए.
न केवल देवदत्त पडिक्कल ने राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण किया, बल्कि रुतुराज गायकवाड़, नीतीश राणा और चेतन सकारिया को भी अपनी पहली टी20ई कैप सौंपी गई. हालांकि, कोई भी डेब्यूटेंट अपने मौके का फायदा नहीं उठा सका क्योंकि वे रन नहीं बना सके.
दासुन शनाका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला करने के बाद दूसरे टी20 आई में भारत केवल 132 रन ही बना सका. भारतीय गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन उनकी फील्डिंग ने टीम को निराश कर दिया क्योंकि वे मैदान में अपने मौके का फायदा नहीं उठा सके.
धनंजय डी सिल्वा ने मैच खेलकर 40 रनों की नाबाद पारी खेली और अपनी टीम को जीत दिलाई. दूसरी ओर, कुलदीप यादव ने दो विकेट झटके, जबकि उन्होंने और मौके भी बनाए थे, लेकिन संजू सैमसन व भुवनेश्वर कुमार के हाथों से कैच छूट गए.
तीसरे मैच में भी भारत को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. इस तरह भारत को टी20आई सीरीज में 1-2 से हार का सामना करना पड़ा.