जब यह 50 ओवर के प्रारूप की बात आती है तो रोहित शर्मा और शिखर धवन बेसक एक अविभाज्य जोड़ी हो सकती है, लेकिन ऐसा T20I में नहीं है। जबकि रोहित इस प्रारूप में भी एकदिवसीय मैचों की तरह आक्रामक बने हुए हैं, लेकिन धवन के फॉर्म इस प्रारूप में कुछ अच्छी नहीं है।
यही कारण है कि T20I प्रारूप में उनकी जगह हमेशा जांच के दायरे में रही है। हां, उन्होंने मोहाली में चल रही श्रृंखला के दूसरे T20I में दक्षिण अफ्रीका पर भारत की जीत में 40 की अपनी पारी के साथ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन उनका इस साल T20I में केवल 18.12 का औसत रहा है और वह भी, केवल 106.61 की स्ट्राइक रेट पर। ये नंबर एक सलामी बल्लेबाज के लिए स्वीकार्य सीमा के पास कहीं भी नहीं है।
T20I में सलामी बल्लेबाजों के लिए वैश्विक औसत और स्ट्राइक-रेट क्रमशः 21.92 और 121.43 है। धवन का रिकॉर्ड इससे भी कम है। इसलिए, यह बताता है कि कितने खराब खेले हैं। हालांकि, अगर आप इस साल केएल राहुल की संख्या पर नजर डालें तो तीन पारियों में 39.00 की औसत से 117 रन और धवन की तुलना में 146.25 की स्ट्राइक-रेट काफी बेहतर है।
सही मायनों में केएल राहुल ने जिस तरह की निरंतरता 2016 के प्रारूप में अपने डेब्यू के बाद दिखाया है, उसके लिए उन्हें धवन के आगे हर T20I में ओपनिंग करनी चाहिए। सन 2016 से अभी इस बर्ष तक राहुल का औसत क्रमशः 89.50, 39.85, 36.00 और 39 रहा है। । वास्तव में, 42.80 के औसत से 899 रनों का उनका समग्र T20I रिकॉर्ड, 27.54 के औसत से धवन के 1377 रनों की तुलना में काफी बेहतर है। 148.10 और 129.53 की उन दोनों की समग्र स्ट्राइक-रेट काफी विपरीत हैं। इसके अलावा, राहुल के पास भारत के लिए 28 T20I की छोटी अवधि में दो शतक हैं जबकि धवन के पास 54 में से कोई भी नहीं है। इसलिए, इससे यह पता चलता है कि इस प्रारूप में बेहतर खिलाड़ी कौन है।
एक तर्क यह भी हो सकता है कि धवन ने अपने सभी मैचों को एक सलामी बल्लेबाज के रूप में खेला है, जबकि राहुल के दोनों T20I शतक 3 और 4 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए आए थे। हालांकि, जब हम सलामी बल्लेबाज के रूप में उनके आंकड़ों को देखते हैं, तो 41.15 के औसत और 142.66 की स्ट्राइक-रेट से 535 रन हैं , जिसमें 50+ के पांच स्कोर भी शामिल हैं, उनके समग्र T20I करियर आंकड़ों को अच्छा दिखाता है।
वास्तव में, राहुल का T20I इतिहास में 500 या अधिक रन के साथ सलामी बल्लेबाजों में दूसरा सर्वश्रेष्ठ औसत है। उनका स्ट्राइक-रेट भी इस प्रारूप में सर्वश्रेष्ठों में से एक है और साथ भी 40 से अधिक औसत के साथ एक टी 20 ओपनर का होना उनकी गुणवत्ता को दिखाता है।
खेलों के लंबे प्रारूपों में हो सकता है कि वे संघर्षरत रहे हैं, लेकिन जब T20 की बात आती है, तो वह किसी से भी पीछे नहीं है। दूसरी ओर, धवन 2011 के बाद से T20 में काफी हद तक कमजोर रहे हैं। हाँ, 2018 में उन्होंने 40.52 की औसत से 689 रन बनाए और 147.2 की स्ट्राइक-रेट के साथ शानदार प्रदर्शन भी किया, लेकिन उनका फॉर्म इस साल एक बार फिर फीका रहा। 2018 के अलावा, उन्होंने किसी भी साल जिसमें उन्होंने दो या अधिक T20I पारियां खेली थीं, 30 के अधिक औसत से रन नहीं किया। 2016 में 25.08 के बाद, 2017 में उन्होंने सबसे अधिक औसत 25.40 दर्ज किया। 2014 और 2015 में उनका औसत केवल 16 और 7 रहा और वह भी 98.56 और 87.50 क्रमशः की स्ट्राइक-रेट से।
इसलिए, ये सभी तथ्य और आंकड़े यह बताते हैं कि रोहित के साथ भागीदार बनने में कौन अधिक योग्य बल्लेबाज है। धवन ने भले ही पिछले साल से अपना T20I परफॉर्मन्स अच्छा किया हो, लेकिन राहुल की निरंतरता और विस्फोटकता के चलते उन्हें बाएं हाथ के बल्लेबाज़ से आगे देखना शुरू करना चाहिए। (और अधिक केएल राहुल न्यूज़ अपडेट के लिए)
लेखक: प्रसेनजित डे