भारतीय क्रिकेट टीम को उसका पहला विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव ने आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उनका मानना है कि इतने महत्वपूर्ण टाइटल की विजेता टीम निर्धारित करने के लिए एक से अधिक मैच होने चाहिए थे. यदि 3 मैचों की सीरीज से विजेता टीम का फैसला होता, तो ज्यादा अच्छा होता.
टेस्ट चैंपियनशिप को 2019 में एशेज सीरीज के साथ शुरु किया गया था और 2 साल बाद अब इवेंट फाइनल मुकाबले के मुकाम तक पहुंचा है. टूर्नामेंट का फाइनल मैच भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाने वाला है. भारतीय टीम ने 17 लीग मैचों में 12 मैच जीते और उनका जीत प्रतिशत 72.2 था. वहीं न्यूजीलैंड की टीम ने 7 मैच जीते और उनका जीत प्रतिशत 70 था
कपिल देव ने मिड-डे से बात करते हुए कहा, ”इतने अहम टाइटल के लिए मैं एक से ज्यादा मैच कराना पसंद करता. ये सही है कि इन दिनों किसी भी मैच के लिए तैयारी करना ज्यादा बड़ी बात नहीं है. फाइनल मुकाबले के लिए शायद रोज बाउल से ज्यादा बेहतर स्टेडियम लॉर्ड्स हो सकता था, क्योंकि उसका इतिहास काफी शानदार रहा है. यहां तक कि ओल्ड ट्रैफर्ड मैनचेस्टर भी सही विकल्प रहता लेकिन लॉर्ड्स में जीत को सेलिब्रेट करने का अलग ही मजा होता है.”
“क्यों नहीं? यह कुछ ऐसा है जिसे ICC ने टेस्ट मैचों को लोकप्रिय बनाने के लिए किया है. जनता के लिए अच्छा क्रिकेट होगा, मुझे यकीन है. मुझे लगता है कि तीन टेस्ट के फाइनल बहुत अच्छे होते.”
दूसरी ओर, पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर का मानना है कि कठिन इंग्लिश कंडीशंस में खिलाड़ियों को चतुराई से अच्छा और तकनीकी रूप से मजबूत होना चाहिए.
“टेस्ट क्रिकेट सेशन का खेल होता है. मौसम कारक के कारण सभी सेशन दिलचस्प हो सकते हैं. कुछ ही मिनटों में, मौसम में धूप से बादल में बदल जाता है. इसलिए जब आप इंग्लैंड में खेलते हैं तो आपको सामरिक रूप से अच्छा और तकनीकी रूप से मजबूत होना होता है.”
“मैं यह नहीं कहूंगा कि बल्लेबाज गेंदबाजों से बेहतर हैं. आपके पास संतुलन होना चाहिए. भारत एक बेहतर बल्लेबाजी पक्ष दिखता है. वे परिस्थितियों से कैसे निपटते हैं यह महत्वपूर्ण है. मेरे लिए भारत की बल्लेबाजी अहम होगी. गेंदबाज इन दिनों भारत के क्रिकेट अभियानों के लिए एक ठोस समर्थन प्रदान करते हैं लेकिन बल्लेबाजों की गुणवत्ता फाइनल में सामने आएगी.”
आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप में पहले फाइनलिस्ट टीमों का फैसला अंकों से होने वाला था, फिर स्कोरिंग प्रणाली को बदलकर विनिंग प्रतिशत को फाइनल में पहुंचने का आधार बना दिया. कई खिलाड़ियों ने भी स्कोरिंग प्रणाली पर सवाल उठाए थे. उम्मीद रहेगी कि आगामी सीजनों में इसमें सुधार होगा.
आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल 18 जून से साउथेम्पटन में शुरु होगा.