भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाजों को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में एक बार फिर पुछल्ले बल्लेबाजों के विकेट के लिए संघर्ष करते देखा गया. इसपर अब पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दीप दासगुप्ता का मानना है कि भारतीय गेंदबाजों को पुछल्ले बल्लेबाजों के लिए योजना बनानी होगी.
भारतीय गेंदबाजी इकाई ने प्रॉपर बल्लेबाजों के सामने अच्छी गेंदबाजी करते देखा जाता है, लेकिन विपक्षी टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों को एक झटके में आउट करने में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
न्यूजीलैंड के पुछल्ले बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों को काफी परेशान किया. पहली पारी में न्यूजीलैंड की टीम का स्कोर 162-2 का था. ऐसा लग राह था कि अब टीम 200 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकेगी, मगर ऐसा नहीं हुआ और टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों ने आक्रामकता के साथ बल्लेबाजी की और टीम के लिए भरपूर रन बटोरे.
कीवी टीम के आखिरी 4 बल्लेबाजों को आउट करने के लिए भारत ने 87 रन खर्च कर दिए, जो एक लो स्कोरिंग मैच के लिए अच्छा नहीं था. काइल जैमिसन ने 21 रन बनाए जबकि टिम साउदी ने 30 रन बनाकर भारतीय गेंदबाजों को परेशान किया. यह मैच टर्निंग मोमेंट साबित हुआ क्योंकि न्यूजीलैंड पहली पारी में 32 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करने में सफल रहा, जो उनके पुछल्ले बल्लेबाजों ने दिलाई.
दीप दासगुप्ता ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा, “न्यूजीलैंड के आखिरी 5 विकेटों ने पहली पारी में 100+ रन बनाए. 250 रनों की एक पारी में यह बहुत मायने रखता है. उन्हें पुछल्ले बल्लेबाजों के लिए एक योजना के साथ आना होगा.”
मशहूर कमेंटेटर का मानना है कि भारत के गेंदबाज निचले क्रम में गेंदबाजी करते समय अधिक आक्रामक होने की कोशिश करते हैं और उन्हें बुनियादी बातों पर टिके रहना चाहिए.
“कभी-कभी मुझे लगता है कि अंतिम कुछ विकेट लेने की कोशिश करते समय भारतीय गेंदबाज अति-आक्रामक हो जाते हैं. फुछल्ले बल्लेबाज अपने शॉट खेलते हैं, शायद ही आप उन्हें सब कुछ ब्लॉक करने की कोशिश करते हुए देखेंगे. वे सभी अपने शॉट खेलते हैं. हो सकता है कि भारतीय गेंदबाज अपनी लाइन और लेंथ के साथ थोड़ा रक्षात्मक हो जाएं, जैसा कि वे सफेद गेंद वाले क्रिकेट में करते हैं. जो भी हो, उन्हें एक योजना के साथ आना होगा क्योंकि उस निचले क्रम और पुछल्ले बल्लेबाजों से छुटकारा पाना भारतीय गेंदबाजों के लिए एक स्थायी मुद्दा बनता जा रहा है.”
दिलचस्प बात यह है कि भारत के पुछल्ले बल्लेबाजों ने दोनों पारियों में उतने रन नहीं बनाए, जितने न्यूजीलैंड के टेलेंडर्स ने एक ही पारी में बना थे दिए.
दीप दासगुप्ता ने यह भी महसूस किया कि मोहम्मद शमी अपने 5 विकेट लेने के लिए बहुत अधिक प्रयास कर रहे थे और ऐसा करने के चलते उन्होंने अतिरिक्त रन दिए.
“इस खेल में एक और मुद्दा यह था कि मोहम्मद शमी पहले ही 4 विकेट ले चुके थे और मुझे ऐसा लग रहा था कि वह अपने पांचवें विकेट की तलाश में हैं. उस चरण के दौरान, उन्होंने अपने 2-3 ओवरों में लगभग 25 रन दिए. हो सकता है कि वह 5 विकेट लेने का लक्ष्य रखते हुए बहुत अधिक प्रयास कर रहे थे.”
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