भारत-न्यूजीलैंड के बीच खेले जाने वाले आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप से पहले पूर्व भारतीय चयनकर्ता किरण मोरे ने भारतीय बल्लेबाजी को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उनका मानना है कि भारत का बल्लेबाजी क्रम हाल के दिनों में सामूहिक प्रयास के साथ नहीं आया है और इससे उन्हें फाइनल मुकाबले में मुश्किल हो सकती है.
भारतीय बल्लेबाज विदेशी परिस्थितियों में लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. चेतेश्वर पुजारा अच्छी फॉर्म में नहीं हैं, जबकि विराट कोहली ने आखिरी बार 2019 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में बांग्लादेश के खिलाफ पिंक बॉल टेस्ट मैच में शतक बनाया था.
अजिंक्य रहाणे ने एमसीजी में शानदार शतक बनाया था, लेकिन इसके बाद वह अपने स्टार्ट को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके. शुभमन गिल की इंग्लैंड सीरीज निराशाजनक रही, वह 4 मैचों में सिर्फ 119 रन ही बना सके थे. वहीं रोहित शर्मा को सलामी बल्लेबाज के रूप में कठिन अंग्रेजी परिस्थितियों में परखा जाना अभी बाकी है.
किरण मोरे ने कहा, “जहां तक भारतीय टीम का सवाल है मेरे लिए एकमात्र मुद्दा बल्लेबाजी है. हमने अपनी बल्लेबाजी में एक इकाई के रूप में प्रदर्शन नहीं किया है. अगर आप देखें कि जब हम न्यूजीलैंड में हार गए थे, तो बल्लेबाजी प्रमुख मुद्दा था. यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया में भी, हमारी बल्लेबाजी एक इकाई के रूप में एक साथ क्लिक नहीं हुई, हमें कुछ व्यक्तियों पर निर्भर रहना पड़ा. जब हमें जरूरत पड़ी, अजिंक्य रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाया, फिर ऋषभ पंत ने कुछ अच्छी पारियां खेलीं, फिर निचले क्रम में वाशिंगटन सुंदर और रविचंद्रन अश्विन ने भी बल्ले से योगदान दिया.”
वहीं दूसरी ओर रोहित शर्मा के साथ भारत के दूसरे ओपनर को लेकर सवाल बने हुए हैं. मोरे का मानना है कि ओपनिंग स्लॉट के लिए शुभमन गिल और मयंक अग्रवाल के बीच टॉस होगा. गिल को अग्रवाल पर तरजीह दी जा सकती थी क्योंकि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों में 259 रन बनाए थे.
“मैं कहूंगा कि यह दूसरे सलामी बल्लेबाज के स्लॉट के लिए मयंक और गिल के बीच टॉस होगा. राहुल के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है. वह एक शानदार खिलाड़ी हैं, लेकिन आप उसे सीधे टेस्ट टीम में नहीं डाल सकते. एक बड़ा और मुश्किल मुकाबला होगा.”
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल 18 जून से साउथेम्प्टन के एजेस बाउल में शुरु होगा.