न्यूजीलैंड और भारत के बीच खेले गए आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल को बारिश ने काफी प्रभावित किया था, जिसके कारण ऐसा लग रहा था कि मैच ड्रॉ होगा. केन विलियमसन की टीम ने 8 विकेट से जीत दर्ज कर खुद को टेस्ट की बेस्ट टीम साबित किया. रिजर्व डे पर भारतीय टीम 32 रनों से आगे थी और ये सभी जानते थे कि पहला सेशन बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है.
हुआ भी वैसा ही, क्योंकि भारत ने विराट कोहली व चेतेश्वर पुजारा के विकेट सस्ते में गंवा दिए, जो मैच का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ और टीम इंडिया बैकफुट पर आ गई.
पूर्व भारतीय महान सुनील गावस्कर ने टीम के बल्लेबाजी दृष्टिकोण पर सवाल उठाया क्योंकि जब सूरज निकला था और यह चुनौतीपूर्ण स्थिति नहीं थी क्योंकि सतह पर शायद ही कोई घास थी. इस प्रकार, बल्लेबाजी के लिए हालात खराब नहीं थे, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने वह इंटेंट नहीं दिखाया, जिसकी अंतिम दिन जरूरत थी.
भारत ने रिजर्व डे के पहले सेशन में 3 विकेट गंवाए और केवल 66 रन बनाए, इस प्रकार यह मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ था. इसके बाद, भारत ने दूसरे सेशन में 5 विकेट खो दिए और दूसरी पारी में 170 रन के मामूली स्कोर पर आउट हो गए. इस प्रकार, भारत कीवी टीम के लिए केवल 139 रनों का लक्ष्य निर्धारित कर सका, जिसे केन विलियमसन की अगुवाई में अंत में आसानी से हासिल किया गया.
सुनील गावस्कर ने स्पोर्ट्स तक से कहा, “बल्लेबाजी में टेस्ट क्रिकेट के लिए जिस धैर्य की जरूरत थी, 5 दिनों तक हमने उसमें थोड़ी कमी देखी और उसके कारण, शॉट खेलने की इच्छा थी और इसी के कारण हमारे बल्लेबाज आउट हुए. जब गेंद अंदर नहीं जा रही थी. हवा हो या आप गेंद की पिच तक पहुंचा सकते हैं, तब आप शॉट खेल सकते हैं. लेकिन जब गति होती है, तो आपको थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत होती है और अगर हमने इसे दिखाया होता, तो परिणाम कुछ और हो सकता था.”
“मैं अंतिम दिन बल्लेबाजी के बारे में बात कर रहा हूं. पहले चार दिनों के लिए, बल्लेबाजी बहुत कठिन थी. आप किसी भी बल्लेबाज को खेलने के लिए लाते हैं, और उसे कठिन समय होता. मैच के अंतिम दिन मौसम सुहाना था और सूरज निकला हुआ था, लेकिन भारतीय जो सीमित ओवर के मैच में ढल गए, उन्होंने टेस्ट में जरुरत के अनुसार संयम नहीं दिखाया.”
भारत दूसरी पारी में अपने बल्लेबाजी प्रयास से निराश होगा क्योंकि उन्होंने परिस्थितियों के अनुसार खेल नहीं दिखाया. रविचंद्र अश्विन, ऋषभ पंत आक्रामक रवैया अपनाते दिखे. हालांकि, इसका श्रेय न्यूजीलैंड की तेज गेंदबाजी इकाई को दिया जाना चाहिए, जिन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और पिच पर ज्यादा मदद ना होने पर भी उन्होंने लगातार भारत को परेशान किया.
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