पूर्व भारतीय दिग्गज सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि ऋषभ पंत के साथ एकमात्र मुद्दा हमेशा उनके शॉट सिलेक्शन का होता है. साउथेम्प्टन के एजेस बाउल में खेले गए डब्ल्यूटीसी फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहली पारी में केवल 4 रन बनाकर वह शरीर से दूर खेलते हुए आउट हुए.
वहीं दूसरी पारी में 41 रनों पर खेलते हुए ऋषभ पंत ने एक खराब शॉट सिलेक्शन के चलते अपना विकेट गंवाया. तेज गेंदबाजों के सामने पंत बल्ला चलाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन वह कनेक्शन नहीं बना सके जिसकी उसे तलाश थी. पंत ने बड़े शॉट्स खेलना जारी रखने का फैसला किया और उन्हें ट्रेंट बोल्ट ने आउट कर दिया क्योंकि हेनरी निकोल्स ने पॉइंट की तरफ कैच लपक लिया.
दरअसल, पंत रिवर्स स्वीप और स्कूप शॉट खेलते नजर आए, जो भारतीय टीम के लिए उस समय परिस्थितियों के अनुकूल नहीं था क्योंकि वह पहले से ही बैकफुट पर थे.
इस बीच, ऋषभ पंत ने पिछले कुछ महीनों में अपने खेल में काफी मैच्योरिटी दिखाई है, लेकिन वह डब्ल्यूटीसी फाइनल में अपने अधिक आक्रामक थे क्योंकि उन्होंने कुछ अनावश्यक शॉट खेले. पंत को मैच की स्थिति के अनुसार बल्लेबाजी करना सीखना चाहिए क्योंकि उनके पास अपनी दमदार बल्लेबाजी से खेल को उलटने का कौशल है. मगर किसी भी बल्लेबाज के लिए मैच की स्थिति के अनुसार बल्लेबाजी करना जरुरी होता है.
गावस्कर को लगता है कि लापरवाह और बेपरवाह के बीच एक पतली सी लाइन होती है और भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज अक्सर उस लाइन को तोड़ देते हैं.
गावस्कर ने बुधवार को कमेंट्री के दौरान कहा, “बेपरवाह और लापरवाह होने के बीच बहुत बारीक सा फर्क होता है. पंत ने इस बार बेपरवाह और लापरवाह के बीच की लाइन क्रॉस कर ली है.”
“एक-दो बार उन्होंने 90 के स्कोर को पार करने के बाद बड़े शॉट खेलने की कोशिश की और अपना शतक पूरा नहीं कर पाए. पंत के साथ हमेशा से ही शॉट सिलेक्शन को लेकर एक समस्या रही है. वरना उनका डिफेंस अच्छा है, उनके पास सभी शॉट्स हैं और तकनीक भी है.”
ऋषभ पंत को मैच की स्थिति के अनुसार बल्लेबाजी करनी होगी और पिछले कुछ महीनों में उनका आत्मविश्वास निश्चित रूप से बढ़ा है. इंग्लैंड के खिलाफ आगामी सीरीज में पंत को मैच्योर पारियों के साथ वापसी करनी होगी.