भारत के महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर को लगता है कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच चल रहे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल ड्रॉ पर समाप्त होगा. टेस्ट मैच का मजा बारिश ने किरकिरा कर रखा है. शुरुआती दिन और चौथे दिन का खेल बारिश के कारण पूरी तरह से धुल गया क्योंकि इन दोनों ही दिन बिना एक भी गेंद डाले मैच वॉश आउट हुए.
साथ ही पांचवें दिन और रिजर्व डे का पूर्वानुमान भी अच्छा नहीं नजर आ रहा है. साउथेम्पटन में अभी भी बारिश के आसार बने हुए हैं. इस तरह दूसरे और तीसरे दिन सिर्फ दो दिन का खेल हो पाया है. इस दिन भी खराब रोशनी के कारण खेल रोके जाने के कारण दूसरे दिन 64.4 ओवर फेंके गए. वहीं तीसरे दिन 76 ओवर फेंके गए क्योंकि एक बार फिर खराब रोशनी ने खेल में बाधा उत्पन्न की.
इस बीच, जितना मैच खेला गया, वह वाकई अच्छा रहा है. पहले भारत बल्लेबाजी करते हुए 217 के मामूली स्कोर पर सिमट गया और फिर न्यूजीलैंड ने अच्छी शुरुआत के साथ तीसरे दिन के अंत तक 101-2 का स्कोर बनाया और अभी भारत 116 रनों से आगे है.
आईसीसी ने पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की खेल स्थितियों का खुलासा किया था और कहा था कि अगर मैच ड्रॉ पर खत्म होगा तो ट्रॉफी शेयर की जाएगी.
सुनील गावस्कर ने आज तक से बात करते हुए कहा, “ऐसा लग रहा है कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल ड्रॉ में समाप्त होगा और ट्रॉफी शेयर की जाएगी. यह पहली बार होगा जब फाइनल में कोई ट्रॉफी शेयर की गई है. फ़ुटबॉल में पेनल्टी शूटआउट होता है और अन्य खेलों में भी विजेता तय करने के लिए अन्य तरीके होते हैं. टेनिस में विजेता पाने के लिए पांच सेट और फिर एक टाईब्रेकर होता है. टेस्ट में, हम केवल ऐसे मामलों में ड्रा कर सकते हैं और यहां भी ड्रॉ की ज्यादा संभावना है.”
चौथे दिन का खेल बारिश के चलते वॉश आउट हो गया और पांचवे व रिजर्व डे पर भी पूरा खेल होने की बहुत कम उम्मीद है.
चौथे दिन के खेल के बारिश से बाधित होने पर गावस्कर ने कहा, “यहां हर कोई कह रहा है कि आज खेलने का कोई मौका नहीं है. यानी सिर्फ दो दिन बचे हैं. दो दिनों में तीन पारियां पूरी करना वाकई मुश्किल होगा. हां, अगर दोनों टीमें वास्तव में खराब बल्लेबाजी करती हैं, तो तीन पारियां पूरी हो सकती हैं.”
लिटिल मास्टर ने कहा कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के विजेता का फैसला करने का कोई तरीका होना चाहिए था.
“विजेता तय करने का कोई तरीका होना चाहिए था. 2019 विश्व कप में, हमने देखा कि जिस टीम ने सबसे अधिक बाउंड्री लगाई, उसने ट्रॉफी उठाई. महामारी के कारण, तालिका का निर्धारण जीत के अंकों के बजाए, जीत प्रतिशत के आधार पर किया गया था. पूरे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में गोलपोस्ट बदलता रहा, जो किसी भी टीम के लिए उचित नहीं था. उन्हें सभी चीजों पर विचार करना चाहिए था और विजेता का फैसला करने के लिए एक तरीका तलाशना चाहिए.”