पूर्व भारतीय ऑलराउंडर मदन लाल का मानना है कि दूसरी पारी में किसी भी भारतीय बल्लेबाज ने मैच ड्रा कराने का जज्बा नहीं दिखाया. बुधवार को साउथेम्प्टन के एजेस बाउल में न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के रिजर्व डे पर भारतीय बल्लेबाजों ने संघर्ष किया और बहुत ही निराशाजनक प्रदर्शन किया.
विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा को काइल जैमिसन ने आखिरी दिन के पहले सेशन में जल्दी आउट कर दिया और यह मैच का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ. हालांकि, भारतीय निचला मध्य क्रम क्रीज पर नहीं टिक सका और भारतीय टीम सिर्फ 170 रनों पर आउट हो गई.
ऋषभ पंत और रविचंद्रन अश्विन ने उस वक्त आक्रामक रुख अपनाया, जब टीम की परिस्थिति के अनुसार उन्हें विकेट संभालकर खेलना चाहिए था, क्योंकि आने वाले तेज गेंदबाज ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक पाते. अजिंक्य रहाणे को ट्रेंट बोल्ट ने लेग साइड पर आउट किया और भारत ने शुरुआती सेशन में ही अपने 3 बड़े विकेट गंवा दिए. इसके बाद, बचे हुए 5 विकेट भी सस्ते में गिरे और भारत 170 पर सिमट गया. न्यूजीलैंड के सामने सिर्फ 139 रनों का लक्ष्य निर्धारित किया.
इस बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर मदन लाल ने न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को सामने से नेतृत्व करने का काफी श्रेय दिया. विलियमसन अपनी कप्तानी के साथ हाजिर थे और उन्होंने बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन किया. पहला पीर में कीवी कप्तान ने 49 और दूसरी पारी में 52* रन बनाए.
मदन लाल ने आज तक से कहा, “न्यूजीलैंड योग्य टीम थी और उनके कप्तान को बहुत श्रेय दिया जाना चाहिए. जिस तरह से उन्होंने हमारे बल्लेबाजों को आउट किया और उनके फील्ड प्लेसमेंट से मुझे लगता है कि (केन विलियमसन की) कप्तानी शीर्ष श्रेणी की थी. यह निराशाजनक है, ऐसा नहीं है कि भारत खराब टीम है. वे वास्तव में एक बहुत अच्छी, संतुलित टीम हैं. लेकिन घर से दूर हमारी समस्या हमेशा यह रही है कि अगर आप रन नहीं बनाते हैं तो मैच जीतना बहुत मुश्किल हो जाता है.”
उन्होंने आगे कहा, “आज निराशा इस बात की है कि हम सभी सोच रहे थे कि मैच ड्रा हो सकता है. लेकिन किसी भी बल्लेबाज ने इसके लिए मिजाज नहीं दिखाया और अगर वे वहां एक या दो घंटे और खड़े रहते तो यह मैच ड्रॉ हो सकता था.”
भारतीय बल्लेबाजों ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल मुकाबले में निराशाजनक खेल दिखाया और वह दोनों पारियों में केवल 217 और 170 रन ही बना सके.