भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन के चयन का सपोर्ट किया. भारत ने फाइल मैच से 24 घंटे पहले ही गुरुवार को अपनी प्लेइंग इलेवन चुनी थी और अपने दोनों अनुभवी स्पिनरों को शामिल किया था.
हालांकि, सुनील गावस्कर और डेल स्टेन सहित कई क्रिकेट विशेषज्ञों ने सोचा कि भारत अपनी प्लेइंग इलेवन बदल सकता है क्योंकि मैच का पहला दिन बारिश के लते बिना टॉस के ही धुल गया था. इसलिए सभी को लग रहा था कि विराट कोहली अंतिम एकादश में बदलाव कर सकती है और मोहम्मद सिराज को शामिल किया जा सकता है.
दूसरी ओर, न्यूजीलैंड ने प्लेइंग इलेवन में 4 तेज गेंदबाजों को शामिल किया है और उन्होंने अंतिम ग्यारह में एक भी स्पिनर नहीं खिलाया. ये चारों ही पेसर टीम में तेज गेंदबाजी इकाई में विविधता के साथ आते हैं.
भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने दूसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा का समर्थन किया. अश्विन और जडेजा अनुभवी स्पिनर हैं, जिनके टीम में होने से बल्लेबाजी को भी गहराई मिलती है. दोनों ही स्पिनर पिच से मदद मिलने पर विपक्षी टीम को बैक फुट पर धकेल सकते हैं.
रवि शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा, “इस तरह के दिन तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है, लेकिन जब सूरज निकलेगा तब स्पिनर्स की भूमिका अहम हो जाएगी. जडेजा और अश्विन के पास काफी मिश्रण हैं और वो जोड़ी में गेंदबाजी करते हैं. इन्होंने करीब 600-700 विकेट लिए हैं और एकदूसरे को काफी अच्छे से लेकर आगे बढ़ते हैं.”
दूसरी ओर, रवि शास्त्री ने कहा कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप सभी विश्व कपों का ‘बाप’ है क्योंकि टेस्ट फॉर्मेट खेल का सबसे बड़ा और मुश्किल फॉर्मेट है.
“यह सभी विश्व कप का बड़ा डैडी है. मैंने 1983 विश्व कप खेला. कुछ विश्व कप में कमेंट्री की, लेकिन ये उन सभी से बड़ा है. यह सबसे कठिन प्रारूप है, सबसे बड़ा प्रारूप और जिम्मेदारी की संतुष्टि सर्वाधिक चाहिए. कई बड़े खिलाड़ी हैं, जिनके हाथ विश्व कप की ट्रॉफी नहीं लगी, तो बड़ा फाइनल खेलना हमेशा विशेष होता है.”
पहली पारी में भारतीय टीम ने 217 रन बनाए. जबकि न्यूजीलैंड ने तीसरे दिन के खत्म होने से पहले 101-2 रन बनाए.