ऑस्ट्रेलिया दौरे में आखिरी व फाइनल टेस्ट मैच के लिए जब प्लेइंग इलेवन सामने आई, तो हर कोई कुलदीप यादव के नाम को ना देखकर हैरान रह गया. कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कुलदीप यादव को शामिल ना करके युवा ऑफ स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर को डेब्यू करने का मौका दिया था.
ब्रिस्बेन टेस्ट मैच में रविचंद्रन अश्विन चोट के चलते उपलब्ध नहीं थे व रविंद्र जडेजा रूल्ड आउट हो चुके थे. उस वक्त हर किसी को यही लग रहा था कि अब कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाएगा, मगर जब प्लेइंग इलेवन सामने आई तो उसमें स्पिनर के रूप में वॉशिंगटन सुंदर थे, जिन्होंने उससे पहले कभी टेस्ट मैच नहीं खेला था.
इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता कि सुंदर ने डेब्यू मैच में ही अपनी काबिलियत का डंका बजा दिया और ना केवल गेंद बल्कि बल्ले से भी मैच को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मगर हर कोई हैरान था कि कप्तान ने कुलदीप का चुनाव क्यों नहीं किया.स्पोर्ट्स टुडे से बात करते हुए अजिंक्य रहाणे ने खुलासा किया कि आखिर उन्होंने कुलदीप यादव के बजाए वॉशिंगटन सुंदर को क्यों शामिल किया था. रहाणे ने बताया,
वो काफी मुश्किल फैसला था, क्योंकि कुलदीप वहां पर एक स्पिन गेंदबाज के तौर पर गए थे और उनकी टीम में जगह बनती थी. लेकिन हमें अपनी टीम के लिए बेस्ट कॉम्बिनेशन बनाना था. वॉशिंगटन सुंदर को उनकी बैटिंग की वजह से टीम में शामिल किया गया. मैं पांच गेंदबाजों के साथ उतरने के बारे में सोच रहा था और वॉशिंगटन सुंदर गेंदबाजी भी कर सकते थे. हमें पता था कि वो बहुत ही अच्छे बल्लेबाज हैं और उन्होंने उसे साबित भी किया.”
कुलदीप यादव भारत के लिए 6 टेस्ट मैच खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 24.12 के औसत से 24 विकेट लिए हैं. मगर वह बल्ले से कुछ खास रन नहीं बना सके.
वहीं वॉशिगंटन सुंदर ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में 4 विकेट लिए और 84 महत्वपूर्ण रन बनाए, जिसने भारत को टेस्ट सीरीज जीतने में काफी मदद की. पहली पारी में सुंदर ने शार्दुल ठाकुर के साथ 123 रनों की पार्टनरशिप की थी और 62 रन बनाकर भारत को मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकाला था.
दूसरी पारी में भी सुंदर ने ऋषभ पंत के साथ अपनी हिटिंग एबिलिटी से 22 रन बनाए और 328 रनों के लक्ष्य की तरफ भारत को तेजी से आगे लेकर बढ़े.
आखिर में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से टेस्ट सीरीज में हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रिटेन कर ली.