इंग्लैंड बल्लेबाजों के लिए रन बनाने के लिए सबसे मुश्किल स्थानों में से एक है क्योंकि ड्यूक गेंद इंग्लिश कंडीशंस में सबसे ज्यादा स्विंग करती है. यूनाइटेड किंगडम में ज्यादातर बादल छाए रहते हैं, जिससे गेंदबाजों को बल्लेबाजों पर हावी होने में मदद मिलती है.
इंग्लैंड में सफल होने के लिए बल्लेबाज को यह जानना होगा कि उसका ऑफ स्टंप कहां है और गेंद को छोड़ने की कला में माहिर होना सबसे जरूरी चीजों में से एक है. बल्लेबाज को भी गेंद को देर से खेलने के लिए देखना चाहिए और खुद को फ्रंट फुट या बैकफुट पर जल्दी नहीं करना चाहिए.
इसके अलावा, स्विंग का सामना करने का एक तरीका क्रीज के बाहर खड़ा होना है, जो बल्लेबाजों को गेंदबाज की लाइन और लेंथ को परेशान करने में मदद करता है. इसके अलावा, अगर बल्लेबाज क्रीज के बाहर खड़ा हो तो गेंदबाजों के लिए एलबीडब्ल्यू करना आसान नहीं होता है.
भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को लगता है कि इंग्लैंड के हालात में क्रीज के बाहर खड़ा होना कोई बुरा विचार नहीं है. तेंदुलकर उन भारतीय बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्होंने इंग्लैंड में सफलता का स्वाद चखा, क्योंकि उन्होंने 17 टेस्ट मैचों में 54.31 की औसत से 1575 रन बनाए, जिसमें चार शतक और आठ अर्धशतक शामिल हैं.
सचिन ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “हां, यह काम करता है. आमतौर पर आप क्या करते हैं कि आप बॉलर को जानने देते हैं कि आप क्रीज के बाहर खड़े हैं. तो गेंदबाज को अपनी बॉल का रिलिजिंग प्वॉइंट चेंज करना पड़ता है. जो गेंदबाज गेंद को आगे पिच कर रहा था उसका अपनी लेंथ पीछे खींचनी पड़ती है. अगर कोई शॉर्ट बॉलिंग कर रहा है तो आप क्रीज के अंदर खड़े रह सकते हैं. लेकिन क्रीज के बाहर खड़े रहने बुरा आइडिया नहीं है.”
मास्टर ब्लास्टर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यदि बल्लेबाज क्रीज के बाहर बल्लेबाजी कर रहा है तो उसे एक मिडिल स्टंप गार्ड लेना चाहिए क्योंकि इससे उसे गेंद की लंबाई को अधिक सटीक रूप से पहचानने में मदद मिलेगी.
सचिन तेंदुलकर ने कहा, “कभी-कभी आप सोचते हैं कि यह अच्छी लीव थी, लेकिन आपके और स्टंप के बीच में दूरी बढ़ जाने की वजह से गेंद को टाइम रहता है कि वह आकर स्टंप पर लग जाए. अगर आप क्रीज के बाहर खड़े रहते हैं तो आपको मिडिल स्टंप का गार्ड लेना चाहिए, ना की लेग-स्टंप का. जितना ज्यादा आप क्रीज के बाहर रहेंगे उतना ही आप ऑफ स्टंप की तरफ आगे जाएंगे। इसकी मदद से आप बॉल को बेहतर तरीके से जज कर पाएंगे.”
सचिन ने मेंटल फिटनेस पर भी प्रकाश डाला और खुलासा किया कि वह अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के पहले 12 वर्षों में ठीक तरह से सो नहीं पाते थे.