पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने दुनियाभर के विकेटकीपर खिलाड़ियों को अपने हिसाब से रैंक में बांटा है. एडम गिलक्रिस्ट स्वयं क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल विकेटकीपर में से एक रहे. गिलक्रिस्ट वो पहले ऐसे कीपर बल्लेबाज भी थे, जिन्होंने कीपिंग के साथ साथ बल्लेबाजी के अंदाज को भी बदलकर रख दिया.
वनडे में ओपनिंग और टेस्ट में नंबर 7 पर बेखौफ अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए एडम गिलक्रिस्ट ने कई नायाब रिकॉर्ड स्थापित किये. 48 वर्षीय एडम गिलक्रिस्ट ने दुनियाभर के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर के नाम का चयन करते हुए उन सभी को अपने हिसाब से रैंक दी है. गिलक्रिस्ट ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को विश्व का सबसे बढ़िया विकेटकीपर करार दिया.
एक इंटरव्यू में टीवी प्रेसेंटर मैडोना टिक्सयिरा से बात करते हुए एडम गिलक्रिस्ट ने कहा, ”देखिये सबसे ऊपर तो धोनी ही रहेंगे… मेरा नाम गिली है सिली नहीं और मैं यह बहुत अच्छे से जानता हूं कि मैं एक भारतीय खिलाड़ी के बारे में बात करने जा रहा हूं, जिसके पीछे अनेक भारतीय समर्थकों का समर्थन हैं, इसलिए धोनी टॉप पर रहेंगे. उसके बाद संगकारा और फिर ब्रेंडन मैकुलम.”
गिलक्रिस्ट ने आगे कहा, ‘’दुर्भाग्य पूर्ण मार्क बाउचर का उनकी आंख में लगी चोट के चलते करियर छोटा रह गया. मगर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह अन्य खिलाड़ियों की तरह वह आउटस्टैंडिंग कीपर्स में से एक रहे.’’
वैसे आप सभी की जानकारी के लिए बता दे, कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बतौर विकेटकीपर सबसे ज्यादा शिकार करने का विश्व रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के मार्क बाउचर के नाम पर दर्ज है. बाउचर ने 467 मैचों में कुल 998 शिकार किये, जबकि एमएस धोनी का नाम तीसरे स्थान पर आता हैं. धोनी ने 538 मैचों में 829 शिकार किये.
धोनी अभी तक 634 कैच और 195 स्टंपिंग कर चुके हैं. टेस्ट, वनडे और टी-20I को मिलाकर किसी भी अन्य विकेटकीपर ने आज तक इतनी स्टंपिंग नहीं की है. इतना ही नहीं धोनी को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ फिनिशर भी माना जाता है. वनडे में उनके बल्ले से 50.83 की औसत के साथ 10,773 रन देखने को मिले है. साथ ही बतौर कप्तान उन्होंने भारत के लिए 2007 का टी20 विश्व कप, 2011 का एकदिवसीय वर्ल्ड कप और 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती.
धोनी के बारे में बात करते हुए गिलक्रिस्ट ने कहा, ”मुझे उनका करियर बनता देखने में बहुत मजा आया. उन्होंने एक जबरदस्त शतक के साथ अपने करियर को आगे बढ़ाया था और बाद में देखते ही देखते सभी उनके फैन बन गये, सभी ने उनके क्रिकेट खेलने के स्टाइल को फॉलो करना शुरू कर दिया. भारत में क्रिकेट को बहुत ज्यादा पसंद किया जाता हैं और ऐसे में अपनी प्रसिद्धि और असफलता ओ संभालना आसान नहीं होगा. मुझे लगता है कि जिस तरह से उन्होंने खुद को संभाला वह असाधारण था.’’
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने अंत में कहा, ‘’मैदान पर और मैदान के बाहर उनकी शालीनता कमाल की है. उनसे बहुत कुछ सीखने जैसा है. भारतीय क्रिकेट और विश्व क्रिकेट पर उन्होंने जो अपनी छाप छोड़ी है, वह लंबे समय तक कायम रहेगी.’’
बताते चलें, कि विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल के बाद से एमएस धोनी ने एक भी क्रिकेट मैच नहीं खेला है और आईपीएल 2020 के जरिये अब एक बार फिर से उनकी वापसी देखने को मिलेगी.
Written By: अखिल गुप्ता