भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव का ऐसा कहना है कि महेंद्र सिंह धोनी का सिर्फ आईपीएल में खेलकर अच्छा प्रदर्शन करना बिल्कुल भी संभव नहीं है. धोनी ने आईपीएल-13 में करीब करीब 14 महीनों के एक बेहद ही लंबे अंतराल के बाद क्रिकेट के मैदान पर वापसी की थी. पूर्व भारतीय कप्तान को इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सत्र से पहले साल 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप के सेमीफाइनल में खेलते देखा गया था.
आईपीएल-13 में बतौर कप्तान और एक खिलाड़ी दोनों के रूप में धोनी का प्रदर्शन काफी फीका देखने को मिला. टूर्नामेंट के अभी तक के इतिहास में ये पहला ऐसा मौका रहा, जब अपने खेले किसी भी आईपीएल सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम प्ले ऑफ में अपनी जगह ना बना पाई हो.
इस साल खेले 14 मुकाबलों में चेन्नई सिर्फ छह में जीत दर्ज कर सकी, जबकि आठ में टीम को हार का मुहं देखना पड़ा. टीम 12 अंकों के साथ पॉइंट्स टेबल में सातवें पायदान पर रही. सीधे शब्दों में कहा जाए तो चेन्नई के आईपीएल इतिहास का ये सबसे खराब साल रहा.
वहीं बात अगर टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की करें तो पूरे टूर्नामेंट में वह रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए. 14 मैचों में उन्होंने 25 की औसत और 116.27 के साधारण से स्ट्राइक रेट के साथ सिर्फ 200 रन बनाए. इतना ही नहीं 13 पारियों में धोनी एक बार भी 50+ का आंकड़ा पार नहीं कर सके.
कपिल ने एबीपी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, ”अगर धोनी हर साल सिर्फ आईपीएल में खेलने का फैसला करते हैं तो उसके लिए अच्छा प्रदर्शन करना असंभव होगा. आयु के बारे में बात करना सही नहीं है लेकिन उसकी आयु (39 बरस) में वह जितना अधिक खेलेगा शरीर उतना ही लय में रहेगा.”
उन्होंने कहा, ”अगर आप साल में 10 महीने क्रिकेट नहीं खेलोगे और अचानक आईपीएल खेलोगे तो आप देख सकते हो कि क्या होगा. इतना क्रिकेट खेलने पर किसी सत्र में उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. क्रिस गेल जैसे खिलाड़ी के साथ भी ऐसा हुआ है.”
हालांकि धोनी ने सत्र के अंतिम मैच के दौरान कहा था कि उनकी टीम अगले साल जबरदस्त वापसी करेंगी और साथ ही उन्होंने अपने आईपीएल से संन्यास की खबरों पर भी पूर्णविराम लगा दिया था. अब ये देखना बड़ा ही दिलचस्प रहेगा कि क्या धोनी आईपीएल-14 से पहले घरेलू क्रिकेट में भाग लेते हैं या नहीं.