पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद को लगता है कि भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी कोचों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. उन्होंने एक पुराना वाक्या बताया जब पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल ने राजस्थान क्रिकेट अकादमी में दीपक चाहर को उनके कद के चलते रिजेक्ट कर दिया था.
जब चैपल ऑस्ट्रेलियाई अकेडमी में डारयेक्टर के रूप में काम कर रहे थे ने तब उन्होंने चाहर से कहा कि उनके लिए शीर्ष स्तर पर सफल होना मुश्किल होगा और उन्हें तेज गेंदबाज बनने का सपना नहीं देखना चाहिए.
हालांकि, चाहर ने उस सलाह पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने खेल पर कड़ी मेहनत करते रहे. चाहर जल्द ही भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहे और गेंद को दोनों तरफ से स्विंग करने की उनकी क्षमता ने सभी को प्रभावित किया और उन्होंने खुद को साबित करके दिखाया.
वहीं दीपक चाहर ने मंगलवार को कोलंबो के आर प्रेमदासा इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे में 82 गेंदों पर नाबाद 69 रन की मैच विनिंग पारी खेली. भारत ने 276 के लक्ष्य का पीछा करते हुए 193-7 के स्कोर पर थी और भारत की जीत की उम्मीदें लगभग खत्म ही हो गई थीं. लेकिन चाहर ने भारत को अविश्वसनीय जीत दिलाई.
प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘‘दीपक चाहर के कद के कारण ग्रेग चैपल ने उन्हें आरसीए में खारिज करके दूसरा काम तलाशने को कहा था. उसने अपने दम पर मैच जिताया जबकि मूल रूप से वह बल्लेबाज नहीं है.’’
प्रसाद ने कहा कि बीसीसीआई को कोशिश करनी चाहिए कि आईपीएल और राष्ट्रीय टीम में ज्यादा से ज्यादा भारतीय कोच और मेंटर मिलें.
प्रसाद ने आगे लिखा- ‘‘कहने का मतलब यह है कि खुद पर भरोसा रखो और विदेशी कोचों को ज्यादा गंभीरता से मत लो. इसके कई अपवाद हैं लेकिन भारत में इतनी प्रतिभाएं होते हुए टीमों और फ्रेंचाइजी को भारतीय कोच और मेंटर रखने की कोशिश करनी चाहिए.’’
दीपक चाहर अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर थे और उन्होंने 69 रनों की पारी के बाद काफी आत्मविश्वास हासिल किया होगा. इसके अलावा, चाहर ने दूसरे वनडे में दो विकेट झटके और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
दाएं हाथ का यह खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन जारी रखना चाहेगा और अगर वह लगातार बल्ले से अच्छा प्रदर्शन कर सकता है तो वह निश्चित रूप से एक ऑलराउंडर के रूप में टीम के लिए और अधिक मूल्य जोड़ सकेगा. भारत और श्रीलंका के बीच तीसरा वनडे शुक्रवार को इसी मैदान पर खेला जाएगा.