भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज अनिल कुंबले ने शेन वार्न और मुथैया मुरलीधरन के साथ होने वाली तुलना पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. अनिल कुंबले, शेन वार्न और मुथैया मुरलीधरन के बाद टेस्ट में सबसे विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज रहे. कुंबले ने कहा कि इन दोनों स्पिनरों के साथ उनकी तुलना से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, क्यूंकि वार्न और मुरली यह दोनों ही दिग्गज किसी भी पिच पर गेंद को टर्न कराने में माहिर थे.
ज़िम्बाब्वे के पूर्व खिलाड़ी पोमी म्बांग्वा के साथ इंस्टाग्राम लाइव के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘’इन दो दिग्गजों के साथ मेरी तुलना से काफी मुश्किल हो गई थी, क्योंकि ये दोनों किसी भी सतह पर गेंद को घुमाने में सक्षम थे. मुरलीधरन के खिलाफ मैंने काफी खेला है, क्योंकि भारत और श्रीलंका की टीमें आपस में ज्यादा खेलती थीं. जैसे ही मैं कोई रिकॉर्ड बनाता था तो मुरलीधरन मुझे बधाई जरुर देते थे. मैं उन्हें एडवांस में बधाई देता था कि मुरली बस 30 विकेट और हैं और फिर 500 विकेट आपके पूरे हो जाएंगे. फिर वो कहते थे कि नहीं-नहीं अभी लंबा सफर तय करना है. मैं उनसे कहता था कि तुम्हारे लिए बस 3 टेस्ट मैच की बात है.’’
कुंबले, वार्न और मुरलीधरन 1990 और 2000 के दशक में सबसे बड़े गेंदबाज हुआ करते थे. वार्न ने जहां इंग्लैंड के खिलाफ ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी फेंकी थी’, तो कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ एक पारी में 10 विकेट लेकर इतिहास रचा था. वहीं मुरली टेस्ट में 800 शिकार करने वाले इकलौते गेंदबाज रहे.
श्रीलंकाई दिग्गज मुथैया मुरलीधरन 133 टेस्ट मैचों में 22.72 की औसत के साथ 800 विकेट लेने में सफल रहे, जबकि ऑस्ट्रेलिया के शेन वार्न के खाते में 145 टेस्ट मैचों के दौरान 25.41 की औसत से 708 विकेट आये, पूर्व भारतीय कप्तान और हेड कोच अनिल कुंबले ने 132 टेस्ट मैच खेले और 29.65 की औसत के साथ 619 खिलाड़ियों को पवेलियन की राह दिखाने में कामयाब हुए.
Written by: अखिल गुप्ता