जैसे-जैसे हमलोग गर्मियों के चरम पर पहुंच रहे हैं, सभी की निगाहें चीन के नैनिंग पर केंद्रित होती जा रही हैं जहां भारतीय बैडमिंटन टीम प्रतिष्ठित सुदिर्मान कप 2019 में हिस्सा लेगी। 19-26 मई से भारत के कुछ बेहतरीन खिलाड़ी भारत को इस महाद्वीप का सबसे बेहतरीन बैडमिंटन देश बनाकर उभारने की कोशिश में एशियाई पावरहाउस से मुकाबला कर रहे होंगे। मगर जैसा कि बैडमिंटन की कुछ ख़बरों में दिखाया गया कि भारत के सबसे लोकप्रिय चेहरे ख़राब फॉर्म में हैं, तो क्या वे चीन में एक छाप छोड़ सकते हैं?
शुरुआत करने वालों के लिए, भारत की दो बेहतरीन महिला शटलर – साइना नेहवाल और पीवी सिंधु ने कोई उपयोगी सीजन नहीं पाया हैं। हाल ही में संपन्न हुई न्यूजीलैंड ओपन में साइना पहले राउंड में विश्व नंबर 212 वांग झी यी के खिलाफ खेलकर बाहर हो गई थीं।
अप्रैल में बैडमिंटन एशियन चैम्पियनशिप में सिंधु और साइना दोनों ही क्वार्टर फाइनल ही बाहर हो गईं। हालांकि ये दोनों खिलाड़ी पिछले चार साल में भारत की सबसे सुसज्जित खिलाड़ी रही हैं, उन्हें असल में महिला एकल श्रेणी में अपने खेल को आगे बढ़ाना होगा। (अधिक जानकारी के लिए साइना नेहवाल संबंधी ताजा ख़बरें)
अश्विनी पोनप्पा-सिक्की रेड्डी और पूर्विशा एस राम-जे मेघना मिलकर महिला युगल टीम बना रही हैं। इन जोड़ियों के पास अपनी ओर से अनुभव तो है, मगर क्या वे एक मजबूत चुनौती बन सकती हैं और अपनी टीम को जीत के रास्ते पर ले जा सकती हैं? अभी यह देखना बाकी है।
पुरुषों की ओर से विश्व के नंबर आठ किदांबी श्रीकांत एकल फॉर्मेट में मुकाबला करेंगे। साइना और सिंधु की तरह ही श्रीकांत के फॉर्म पर भी काफी दिनों से सवाल उठाये जा रहे हैं। विशेष रूप से हाल ही में संपन्न हुई एशिया बैडमिंटन चैम्पियनशिप में उनके सब-पार प्रदर्शन ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। हालांकि, गुंटूर के इस खिलाड़ी के लिए सुदिमान कप में दमदार प्रदर्शन से उन्हें अपना आत्मविश्वास फिर से हासिल करने में काफी मदद मिलेगी। हैदराबाद के समीर वर्मा भी एकल मुकाबले में हिस्सा लेंगे और अपनी छाप छोड़ने की उम्मीद कर रहे होंगे।
पिछले साल कंधे की लंबी चोट झेलने वाले नौजवान खिलाड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी पुरुष युगल प्रतियोगिता में वापसी करेंगे और चिराग शेट्टी के साथ मिलकर खेलेंगे। अप्रैल में एशिया बैडमिंटन चैम्पियनशिप में इस जोड़ी के चूक जाने के बाद यह टूर्नामेंट उनके लिए खाँचे में वापस लौटने के लिए एक बिल्कुल सही मौके के तौर पर काम करेगा।
भारत को चीन और मलेशिया जैसे पसंदीदा टीमों के साथ ग्रुप-डी में डाल दिया गया है। भारत 2017 संस्करण के क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गया था। प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष दो टीमें नॉकआउट चरणों के लिए आगे जायेंगी। मलेशिया के खिलाफ भारत का हालिया रिकॉर्ड, खासकर पिछले साल के कॉमनवेल्थ गेम में उनकी जीत के बाद, इसे देखने के लिए और रुची जगाता है। हालांकि, चीन पर काबू पाना एक अलग ही काम होगा।
टूर्नामेंट की ओर बढ़ते हुए, भारत कागज पर एक विकट शक्ति की तरह दिख रहा है। हालांकि, जिम्मेदारी खिलाड़ियों पर होगी कि वे अपने हालिया दौर से बाहर निकलकर ऐसे समय में अपने देश के लिए सम्मान लाकर दिखायेंगे।