टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान का ऐसा कहना है कि वह साल 2007 में खेले गये टी-20 विश्व कप के दौरान पाकिस्तान क्रिकेट टीम बॉल आउट के नियमों से परिचित नहीं थी. 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में दौरान टूर्नामेंट का दसवां मुकाबला चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच डरबन में खेला गया था. इस मैच में दोनों टीमों ने इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 141/9 का स्कोर बनाया था और जवाब में पाकिस्तान भी 142 रनों के लक्ष्य के जवाब में 141/7 का स्कोर ही बना सकी थी.
दोनों देशों के बीच खेला गया रोमांचक मुकाबला टाई रहा और इसके बाद सुपर ओवर में पहुंच गया. उस समय आईसीसी के नियम के मुताबिक सुपर ओवर के दौरान दोनों टीमों को पांच पांच बार गेंद से स्टंप को हिट करना था और जो टीम सबसे अधिक बार गेंद को स्टंप से हिट करने में सफल होती, उसको अंत में विजेता घोषित किया जाता.
पठान के अनुसार पाकिस्तान को बॉल आउट में गेंदबाजी करने का नियम समझ नहीं आ रहा था, जबकि भारतीय टीम इसके लिए पूरी तरह से तैयार थी. वैसे आप सभी को बताते चले कि कुछ समय पहले वेंकटेश प्रसाद ने अपने बयान में इसका खुलासा किया था, आखिर कैसे भारत ने बॉल आउट नियम में पाकिस्तान को मात दी थी. याद दिला दे, कि उस समय वेंकटेश प्रसाद टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच थे.
वेंकटेश ने कहा था कि नेट्स पर टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी बॉल आउट नियम का अभ्यास किया करते थे और उसी दौरान उन्होंने उन खिलाड़ियों के नाम का चुनाव किया था, जो नेट्स पर हर बार गेंद को स्टंप से हिट करते थे. प्रसाद ने बताया था कि इसके लिए हमने धीमी गति के गेंदबाजो को चुना और उन्होंने ही कप्तान एमएस धोनी को कुछ नाम भी बताये थे, जो बॉल आउट नियम के लिए एकदम पेरेक्ट थे. नतीजतन भारत ने हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग और रॉबिन उथप्पा को चुना था.
यह एक आश्चर्यजनक निर्णय था क्योंकि सहवाग और उथप्पा नियमित गेंदबाज नहीं थे और उन्हें गेंद देने में एक जुआ था. हरभजन सिंह के साथ साथ सहवाग और उथप्पा भी गेंद को हिट करने में सफल रहे थे. वहीं पाकिस्तान के लिए उमर गुल, यासिर अराफात और शाहिद अफरीदी ने अपने हाथ आजमाए थे और सभी इसमें नाकाम रहे थे.
पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने स्टॉर स्पोर्टस के एक कार्यक्रम में टी-20 विश्वकप 2007 की यादों को साझा करते हुए कहा कि ”पाकिस्तान के कप्तान ने एक संवाददाता सम्मेलन में स्वीकारा था कि उन्हें बॉल-आउट के बारे में पता नहीं था.”
उन्होंने आगे कहा, ”बॉल-आउट के दौरान वे निश्चिंत नहीं थे कि उनके गेंदबाजों को पूरा रन-अप लेना चाहिए या आधा. वहीं, दूसरी ओर हम इसके लिए तैयार थे और नतीजा सबसे सामने है. देखा जाए तो दोनों टीमों के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी.”
टूर्नामेंट का फाइनल मैच मैच भी भारत और पाकिस्तान के बीच ही खेला गया था, जिसे टीम इंडिया ने सभी को हैरानी में डालते हुए 5 रन से जीतकर अपने नाम किया था. फाइनल में तीन विकेट लेने के चलते इरफान पठान को ‘मैन ऑफ द सीरीज’ के अवार्ड से भी नवाजा गया था.
Written By: अखिल गुप्ता
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