इंग्लैंड क्रिकेट टीम के हेड कोच क्रिस सिल्वरवुड का ऐसा कहना है कि खिलाड़ियों को ये कहना बहुत मुश्किल है कि आईपीएल में ना खेले. इंडियन प्रीमियर लीग दुनिया की सबसे और सबसे चर्चित टी-20 लीग मानी जाती है और दुनियाभर के खिलाड़ी इसका हिस्सा बनने के लिए काफी बेताब रहते हैं.
आईपीएल ने ना केवल घरेलू खिलाड़ियों को उनके करियर में आगे बढ़ने का मौका दिया, बल्कि कई विदेशी खिलाड़ियों के करियर को भी एक नए स्तर पर पहुंचा दिया. ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि इंग्लैंड के खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने से फायदा हुआ है. 2015 में खेले गए एकदिवसीय विश्व कप के बाद इंग्लैंड की लिमिटेड ओवर फॉर्मेट टीम में काफी बदलाव देखने को मिले हैं और आज दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में इंग्लैंड का नाम भी आता है.
इंग्लैंड के लिमिटेड ओवर के कप्तान इयोन मॉर्गन ने खिलाड़ियों के आईपीएल में खेलने का आग्रह किया था और वाकई में आईपीएल से जोस बटलर, जोफ्रा आर्चर और बेन स्टोक्स को उनके करियर को आगे बढ़ाने में एक बड़ा किरदार निभाया.
सिल्वरवुड से संवाददाता सम्मेलन में जब टेस्ट मैचों की तुलना में आईपीएल को तव्वजो दिए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘’खिलाड़ियों को यह सुझाव देना बहुत मुश्किल है कि आप आईपीएल नहीं खेल सकते. अगर आप सिर्फ नंबर (कमाई) देखते हैं तो आप ऐसा नहीं कह सकते. आईपीएल टी20 दुनिया में एक शीर्ष टूर्नामेंट है और इसलिए यह बहुत मुश्किल है.’’
दूसरी ओर, सिल्वरवुड का मानना है कि ऐसा नहीं है कि आईपीएल कुछ खिलाड़ियों के लिए प्राथमिकता बन गया है और वे ज्यादातर अपने फैसले खुद करते हैं.
उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि यह कोई मुद्दा है क्योंकि खिलाड़ियों के शीर्ष स्तर के टी20 क्रिकेट में खेलने से हमें फायदा होता है. इससे खिलाड़ियों को भी काफी फायदा होता है. जाहिर है खिलाड़ी इन टूर्नामेंटों (आईपीएल, बीबीएल, सीपीएल) को लेकर खुद मन बनाना होता है. वे वहां खेलने जाते है लेकिन इससे हमें भी फायदा होता है.’’
इस साल के अंत में भारतीय सरजमीं पर टी20 विश्व कप का आयोजन किया जाएगा, जिसको देखते हुए आगामी आईपीएल सत्र को काफी अहम माना जा रहा है.
बता दे कि, आईपीएल ऑक्शन से ठीक पहले तेज गेंदबाज मार्क वुड ने अपना नाम वापस ले लिया था और अंत में इंग्लैंड के 16 खिलाड़ियों के नाम पर ऑक्शन में बोली लगी.
आईपीएल ऑक्शन के लिए करीब 1,100 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन सभी टीमों ने कुल 292 खिलाड़ियों के नाम को शोर्टलिस्ट किया, जिसमें 164 भारतीय और 125 विदेशी खिलाड़ी शामिल रहे.